20,000 करोड़ रुपए के बिटक्‍वाइन स्‍कैम केस में ED की बड़ी कार्रवाई, दिल्‍ली समेत 6 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate ) ने करीब 80 हजार निवेशकों को चूना लगाने के आरोप में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटक्‍वाइन घोटाला (Bitcoin Scam) मामले में दिल्ली समेत कुछ 6 लोकेशन पर छापेमारी (Search Operation) की. ये छापेमारी की प्रक्रिया बुधवार देर शाम तक चलती रही. छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी ईडी के तफ्तीशकर्ताओं ने काफी महत्वपूर्ण सबूतों और दस्तावेजों सहित अन्य इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया. तफ्तीश का ये मामला करीब 20 हजार करोड़ रूपये के बिटक्‍वाइन करेंसी से जुड़ा हुआ बताया गया है.

ईडी मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमित भारद्वाज (Amit Bhardwaj ), उसके भाई अजय भारद्वाज सहित कई अन्य आरोपियों से जुड़े मामले में जांच की जा रही है. अमित भारद्वाज का देहांत हो चुका है, लेकिन बिटक्‍वाइन घोटाला से जुड़े इस मामले में कई आरोपियों के बारे में जांच की जा रही है. ईडी के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को की गई छापेमारी के दौरान दिल्ली स्थित एक लॉ फर्म से जुड़े कई अधिकारियों और वकीलों के यहां भी छापेमारी की गई. चूंकि अभी मामले में जांच चल रही है, इसलिए उस लॉ फर्म का नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है. लेकिन ईडी के सूत्र ने अमित भारद्वाज के भाई अजय भारद्वाज, संचित अलग और सहरावत नाम के आरोपी के बारे में बताया कि उसके यहां छापेमारी के दौरान काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. फिलहाल उन तमाम दस्तावेजों को विस्तार से खंगाला जा रहा है.

आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का किया गया उल्लंघन
क्रिप्टोकरेंसी बिटक्‍वाइन घोटाला मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपियों को एक निर्देश देते हुए कहा था कि- जांच एजेंसी ईडी के तफ्तीशकर्ताओं को बिटक्‍वाइन करेंसी से जुड़े यूजर नेम और पासवर्ड की जानकारी साझा किया जाए. क्योंकि यह करीब 80,000 निवेशकों से जुड़ा मामला है. लेकिन उस निर्देश का अभी तक आरोपियों के द्वारा पालन नहीं किया गया है. लिहाजा इसी वजह से भी छापेमारी की प्रकिया को अंजाम दिया गया है. दिल्ली के चर्चित कारोबारी विपिन कोहली (Vipin Kohli) सहित कई अन्य आरोपी अपनी अर्जी कोर्ट के सामने लगा चुके हैं. उनका कहना है कि अगर इस मामले की विस्तार से तफ्तीश किया जाए तो फर्जीवाडे की रकम में काफी इजाफा हो सकता है. इसके लिए वो लगातार जांच एजेंसी को मदद करने के लिए तैयार हैं.

कैसे बना अमित भारद्वाज सबसे बड़ा बिटक्‍वाइन माइनिंग ऑपरेशन का बादशाह
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार का वर्चुअल यानी एक डिजिटल करेंसी है. विदेशों के बाद पिछले कुछ सालों से भारत में चर्चित हो चुकी है. क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है, उसमें बिटक्‍वाइन भी शामिल है. इस करेंसी को भारत में लॉन्‍च कराने का श्रेय अमित भारद्वाज को जाता है. इसके ऊपर हजारों लोगों को इसी करेंसी के नाम पर चूना लगाने का आरोप भी लगा था. अमित भारद्वाज ने साल 2014 में पहला ऑनलाइन रिटेल मार्केटप्लेस खोला था, जिसके मार्फत बिटक्‍वाइन को स्वीकार किया जाता था.

एमकैप नाम से नया बिटक्‍वाइन लांच कर हजारों लोगों को चूना लगाया

अमित भारद्वाज का बिटक्‍वाइन माइनिंग ऑपरेशन, चीन (गेन बिटक्‍वाइन) और हांगकांग (जीबी माइनर्स ) जैसे देशों से भी चलाया जाता था. लिहाजा उस तकनीक के मार्फत आगे इस कारोबार को बढ़ाने के लिए एमकैप नाम से नया बिटक्‍वाइन लांच किया गया, लेकिन उसके नाम से भी हजारों लोगों को चूना लगाया गया. इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा भी एक मामला दर्ज किया गया था. इसकी तफ्तीश का जिम्मा डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ( KPS Malhotra, DCP) के मार्गदर्शन में किया जा रहा है. आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों की अगर मानें तो दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआईआर के आधार पर जल्द ही एक पूरक आरोपपत्र यानी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करके आगे की तफ्तीश के बाद कार्रवाई की जाएगी. ​

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