महाराष्ट्र में शिवसेना ने सरकार बनाने का दावा किया है। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे पास बहुमत है। इतना ही नहीं हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है। जो बाद में 175 तक पहुंच सकता है।
बता दें, शिवसेना के 56 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास 54 विधायक हैं, वहीं, निर्दलीय विधायकों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। अगर ये सभी पार्टियां एक साथ आती हैं तो ये आंकड़ा 170 के करीब पहुंचता है।
जानकारी के मुताबिक मुंबई में एनसीपी मुख्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक हो रही है। ये बैठक सोमवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच होनी वाली मुलाकात से पहले हो रही है। इस बीच एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना कहती है कि उनका सीएम बनेगा तो यह बिल्कुल मुमकिन है। शिवसेना अपनी भूमिका एकदम स्पष्ट करें। हम भी अपनी भूमिका बता देंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल जनता ने हमें विपक्ष में बैठने के लिए चुना है और हम उसके लिए एक दम तैयार हैं।
शिवसेना बोला भाजपा पर हमला
शिवसेना ने एक बार फिर से भाजपा पर हमला बोला है। नई गठबंधन सरकार के गठन में सीएम पद को लेकर जारी खींचतान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। शिवसेना ने लिखा कि बीजेपी को ईडी, पुलिस, पैसा, धाक के दम पर अन्य पार्टियों के विधायक तोड़कर अब सरकार बनानी पड़ेगी।
सामना में लिखा गया कि शिवसेना के बगैर बहुमत होगा तो सरकार बना लो, मुख्यमंत्री बन जाओ। यह सीधा संदेश उद्धव ठाकरे ने दिया। देवेंद्र फडणवीस के लिए आज पार्टी में कोई विरोधी अथवा मुख्यमंत्री पद का दावेदार शेष नहीं है। यह एक अजीबोगरीब संयोग है। गोपीनाथ मुंडे आज होते तो महाराष्ट्र का दृश्य अलग दिखा होता तथा मुंडे मुख्यमंत्री बन ही गए होते तो युति में आज जैसी कटुता नहीं दिखी होती।
जानिए भाजपा की रणनीति
वहीं महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा की नई रणनीति सामने आई है। बीजेपी बातचीत के लिए शिवसेना का इंतजार करेगी। पार्टी को उम्मीद है कि 4 और 5 नवंबर के बाद शिवसेना फिर से बातचीत शुरू करेगी, क्योंकि तब तक कांग्रेस और एनसीपी अपना रुख बदल दिया होगा।