पीडीयू आईटीआई एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन सेवा संस्थान के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम बहुत ही उत्साह के साथ सोशल दूरी बनाकर ऑनलाइन छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया पीडीयू आईटीआई के (प्रबंधक) हरीश गुप्ता ने बताया हर साल 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का स्वस्थ जीवन में बहुत महत्व है । योग को प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक माना जाता है। भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है। योग डे का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह जीवन को तनावमुक्त बनाने में मददगार हो सकता है।
योग के फायदे –
- मानसिक तनाव से छुटकारा-
सुबह के समय योग करने का सबसे ज्यादा असर व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर होता है। प्रात: योग करने से दिन भर के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जाता है एवं सभी कार्य आसानी एवं सरलता से हो जाते हैं। - वजन कम करने में सहायक –
योग वजन घटाने में अत्यधिक सहायक है। सूर्य नमस्कार, योग का ऐसा अंग है जो वजन कम करने में अत्यंत सहायक है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का 10 ग्राम तक वजन कम होता है। - डाईबिटीज रोगियों के लिए जरुरी –
कहा जाता है कि डाईबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होती। लेकिन ऐसा नहीं है, योग और प्राणायाम से इस बीमारी का इलाज भी संभव है। योग के नियमित अभ्यास से डाईबिटीज जैसी बीमारी से राहत पाई जा सकती है। - मन प्रसन्न-
प्रतिदिन सुबह के समय योग करने से मन दिन भर प्रसन्न रहता है, साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है। मानसिक रोगों को दूर कर प्रसन्न रहने के लिए यह एक बेहतरीन उपाय है। - आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी –
योग से मस्तिष्क सक्रिय होता है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति का मन किसी भी कार्य में व्यवस्थित रूप से लगा रहता है एवं उसके सभी काम समय पर होने से उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
योग की सावधानियां –
- योग सुबह या शाम के समय करना ज्यादा बेहतर होगा।
- योग हमेशा खाली पेट करें।
- योग अपने शरीर के हिसाब से करें। जो आसन आप कर सकते हैं वही आसन करें। योग का भविष्य –
भारत के लिए बहुत गर्व की बात है की संपूर्ण विश्व में अंतराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आज के समय में योग का उज्जवल भविष्य सामने है। वर्तमान में योग के प्रति लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है, जिससे आने वाले समय में योग का स्तर और व्यापक होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। योग अब विदेशों में भी अपनाया जा चुका है जो यह दर्शाता है कि योग अब अंतराष्ट्रीय स्तर विकसित हो चुका है। प्रशिक्षण गुलाबचंद ने विभिन्न नियमों के बारे में जानकारी दे दिया कपाल भारती अलोम विलोम भुजंग आसन वृक्षासन चक्रासन आदि लोगों को कराया गयाI
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए योगा अनुदेशक गुलाब चंद वेद प्रकाश फूलचंद उत्कर्ष कसौधन एवं छात्र-छात्राएं ऑनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षण को सफल बनायाI
Courtsey- हरीश गुप्ता