मुरैना जिले के कैलारस इलाके में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो आमतौर पर फिल्मों में ही देखने को मिलता है। यहां एक पति-पत्नी के अमर प्रेम का जीवंत उदाहरण देखने को मिला। जहां दोनों की अर्थी एक साथ उठने के साथ उन्होंने जीने मरने की कसम को सार्थक कर दिया. पति जिस आंगन में पत्नी को अपने साथ लाया था, उसी आंगन से दोनों की अर्थी भी एक साथ उठी। जिसने भी यह नजारा देखा उनकी आंखें नम हो गयी।
मुरैना जिले के चमरगवा गांव में रहने वाले 85 वर्षीय भागचंद जाटव को बीमारी की वजह से उनके बेटों ने अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान भागचंद की मौत हो गयी, उनकी मौत के दो घंटे बाद ही पत्नी छोटी बाई गांव में दम तोड़ दिया। भागचंद के बेटे जब पिता का शव लेकर गांव पहुंचे तो देखा की घर पर मां की भी मौत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया।
भागचंद और उनकी पत्नी छोटी बाई की अर्थी एक साथ उठी, दोनों की चिता एक साथ जलाई गयी। बेटों का का कहना था कि किसी भी कार्यक्रम में या कहीं पर भी जाना होता था तो माता-पिता इस उम्र में भी हमेशा साथ रहते थे। दोनों एक साथ ही जाते थे। अंतिम यात्रा भी दोनों ने एक साथ ही पूरी।
भागचंद और उनकी पत्नी की यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ। दोनों ने जिस तरह से प्राण त्यागे उसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है. दोनों के पार्थिब शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर गांवभर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।