गुदड़ी का लाल: दादा कोर्ट में चौकीदार और पिता ड्राइवर, बेटा बन गया जिला जज

मध्य प्रदेश के 26 साल के एक युवक ने लोगों के सामने शानदार उदाहरण पेश किया। युवक ने सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। खास बात यह है कि युवक के पिता जिला कोर्ट में ड्राइवर हैं और जजों की गाड़ी चलाते हैं। दादा कोर्ट में चौकीदारी करते थे और अब जज के ड्राइवर का बेटा खुद जज बन गया है।

जारी हुई थी जबलपुर परीक्षा इकाई की सूची 
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर परीक्षा इकाई ने बुधवार को चयन सूची को जारी किया है। सूची में सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में चेतन बजाड़ (26) ने अन्य ओबीसी वर्ग में 13वीं रैंक हासिल की है। उन्हें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार को मिलाकर 450 अंकों में कुल 257.5 अंक मिले हैं।

पिता के सपने को पूरा किया 
चयन सूची जारी होने के बाद चेतन बजाड़ ने बताया कि मेरे पिता गोवर्धनलाल बजाड़ इंदौर की जिला कोर्ट में चालक हैं। मेरे दादा हरिराम बजाड़ इसी कोर्ट से चौकीदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मेरे पिता का हमेशा से सपना था कि उनके तीन बेटों में से एक बेटा जज बने। आखिरकार मैंने उनका सपना पूरा कर दिया है।

सोशल मीडिया पर बन गया हीरो 
पिता को अपना आदर्श बताने वाले चेतन ने बताया कि उन्होंने लॉ में ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की है और सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में उनका चयन चौथे प्रयास में हुआ। कई लोग उनकी कामयाबी की कहानी को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं और बता रहे हैं कि कैसै सामान्‍य पृष्‍ठभूमि का लड़का भी बड़ी उचांइयों को छू सकता है। चेतन ने कहा कि जज की महती जिम्मेदारी भरी कुर्सी पर बैठने के बाद मेरा प्रयास रहेगा कि लोगों को कोर्ट में जल्द इंसाफ मिले। उनके चयन से उनका पूरा परिवार भी गदगद है।  

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