कोरोना की चपेट में पूरी दुनिया आई है । ऐसे में सऊदी अरब भी इसके नुक्सान से बच नहीं पाया । सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको ने घोषणा की है कि पिछले साल उनके मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई है।इसकी वजह दुनिया भर में लगाए गए ।कोरोना लॉकडाउन के कारण तेल की मांग में आई कमी है। कंपनी को साल 2019 में जितनी कमाई हुई थी, उसकी तुलना में पिछले साल 45 फीसदी का नुक़सान हुआ है। हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ‘सऊदी अरामको’ ने इसके बावजूद 49 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया है इसके साथ ही ‘सऊदी अरामको’ ने ये भी कहा है कि कंपनी के शेयर धारकों को फिर भी डिविडेंड (लाभांश) दिया जाएगा और ये रकम 75 अरब डॉलर के बराबर होगी ।
अरामको की सबसे बड़ी शेयर धारक सऊदी अरब की सरकार है ।कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि हाल के इतिहास में ये कंपनी के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण सालों में से एक था ।पिछले साल कोरोना महामारी को रोकने के लिए दुनिया भर में जिस तरह पाबंदियां लगाई गई थीं, उसकी वजह से उद्योग बंद हो गए थे, लोगों की यात्राएं स्थगित हो गई थीं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी की कई गतिविधियों में ठहराव आ गया था । इन सब का असर तेल और ऊर्जी की मांग पर पड़ा और तेल की क़ीमतों में पांच गुना तक की गिरावट देखी गई थी.तेल और गैस के कारोबार से जुड़ी रॉयल डच शेल और ब्रिटिश पेट्रोलियम जैसी बड़ी कंपनियों के मुनाफे में कमी दर्ज की गई है । अमेरिका की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी एक्सॉन मोबिल को पहली बार पिछले साल कारोबार में काफी नुक्सान उठाना पड़ा है ।