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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग-100 करोड़ की वसूली के मुद्दे पर संसद में हंगामा

महाराष्ट्र में 100 करोड़ की वसूली के मुद्दे पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में तो इस मुद्दे पर BJP और शिवसेना सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इस बीच कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी राकांपा भी शिवसेना के साथ खड़ी नजर आई। वहीं लोकसभा में भी इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई।

BJP ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए महाराष्ट्र के CM की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया, तो शिवसेना और कांग्रेस सदस्यों ने इसे महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की साजिश करार दिया। आरपीआइ सांसद और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बोलने की अनुमति न मिलने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

संसद में महाराष्ट्र के इस मुद्दे की गूंज सबसे सबसे पहले राज्यसभा में सुनाई दी। शून्यकाल में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि Maharashtra के गृहमंत्री किस तरह से वसूली कर रहे हैं, यह पूरे देश ने देख लिया है। इसके बाद शिवसेना सांसदों ने अपनी सीट से खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस और राकांपा सदस्यों ने उनका पूरा साथ दिया। इसके जवाब में BJP सदस्यों ने भी खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।


हालांकि इससे पूर्व दौरान आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन सभापति ने उन्हें समय नहीं दिया। इसके बाद आठवले ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर Maharashtra सरकार को हटाकर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। साथ ही कहा कि उद्धव सरकार प्रशासनिक दृष्टि से पूरी तरह विफल है। सरकार की अक्षमता के चलते कोरोना संक्रमण अब तक नियंत्रण में नहीं आ सका है।


उधर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल में एक सवाल का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुद्दे को छेड़ दिया। इसके बाद वहां भी हंगामा शुरू हो गया। हालांकि बाद में शून्यकाल में BJP सांसद राकेश सिंह ने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा और कहा कि यह देश की शायद पहली घटना होगी जब किसी राज्य का CM किसी कनिष्ठ पुलिस अधिकारी के समर्थन में प्रेसवार्ता करता है जिस पर पुलिस आयुक्त ने गंभीर आरोप लगाए है।


उन्होंने कहा कि गंभीर आरोपों के बाद भी Maharashtra के मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्री का इस्तीफा लेने की हिम्मत नहीं है। उन्हें डर है कि कहीं इस्तीफा लेने के बाद वह यह पोल न खोल दे, कि किस-किस को पैसा जाता है।

इस मुद्दे पर अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने भी Maharashtra सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार का असली चेहरा सबके सामने आ चुका है। BJP सांसद पूनम महाजन ने भी इस दौरान महाराष्ट्र सरकार के मुखिया की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया।

शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि Maharashtra की सरकार को पिछले कई महीनों से अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। जिस पुलिस अधिकारी के पत्र के आधार पर यह पूरी बात की जा रही है, उसके खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की मदद से महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर किया जा रहा है।

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