समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा के बीच की तल्खियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को इशारों ही इशारों में बीजेपी का करीबी बताते हुए कहा कि उन्हें चले जाना चाहिए. अखिलेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए इस बयान गैर जिम्मेदाराना बताया और कहा कि अगर उन्हें लगता है कि मैं बीजेपी के साथ हूं तो उन्हें तुरंत विधानमंडल से निकाल देना चाहिए. साथ ही शिवपाल यादव ने कहा कि वे जल्द ही आजम खान से मुलाकात करेंगे.
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा है. अगर उन्हें लगता है कि मैं बीजेपी के साथ हूं तो तुरंत उन्हें मुझे विधानमंडल से निकाल देना चाहिए. आजम खान को लेकर शिवपाल ने कहा कि उनके साथ ठीक नहीं हो रहा है. राजनीतिक द्वेष में कार्रवाई हो रही है. जल्द ही उनसे मुलाक़ात करूंगा. दरअसल, बुधवार को आगरा में पत्रकारों से बातचीत में शिवपाल यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा था कि जो बीजेपी से मिलेगा, वह सपा में नहीं दिखेगा. जिसके बाद माना जा रहा है कि शिवपाल यादव जल्द ही अपने अगले कदम का खुलासा कर सकते हैं.
बीजेपी में जाने के सवाल पर कही ये बात
पार्टी संगठन पर बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि चुनाव के बाद सभी समीक्षा करते हैं. जल्द ही नए संगठन का ऐलान किया जाएगा. वहीं बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि उचित समय आने पर फैसला लेंगे. ओमप्रकाश राजभर के उस बयान पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी जिसमें यह दावा किया गया था कि समाजवादी पार्टी और शिवपाल यादव मिलकर 2024 क लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। शिवपाल यादव ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर से मेरी बात नहीं हुई. हो सकता है वह मेरे नाम के किसी और आदमी से बात कर रहे हों. दरअसल, विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच शीत युद्ध जारी है. इस बीच समाजवादी पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा भी दे दिया. मुस्लिम नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव ने सिर्फ मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया और आजम खान जैसे नेता को लेकर भी चुप्पी साध ली है.