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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जल्द खत्म हो सकती है जंग? जानिए क्या है वजह

Russia-Ukraine War: रुस-यूक्रेन जंग क्या जल्द खत्म हो सकती है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अगले महीने यानि 9 मई को रुस का सालाना विक्ट्री-डे है और उसके लिए मॉस्को के रेड-स्कॉवयर पर तैयारियां शुरु हो गई है. हर साल विजय दिवस के मौके पर रुस के राष्ट्रपति पुतिन अपने देश के लोगों को संबोधित करते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पुतिन अपने संबोधन में डॉनबास में मिली सफलता को यूक्रेन पर निर्णायक विजय के ऐलान के तौर पर कर सकते हैं.

गुरुवार को खुद पुतिन ने अपने रक्षा मंत्री को कुछ ऐसे निर्देश दिए जि‌ससे ऐसा लगता है कि वे युद्ध खत्म करने का मन बना रहे हैं. इंग्लैंड की डिफेंस इंटेलीजेंस की तरफ से भी विक्ट्री डे परेड पर ऐलान को लेकर अंदेशा जताया गया है. दरअसल, पुतिन ने अपने रक्षा मंत्री को मारियूपोल शहर के बाहरी हिस्से में स्थित, अजोवस्तल स्टील प्लांट पर यूक्रेन के सैनिकों से चल रही लड़ाई को बंद करने का आदेश दिया. साथ ही रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को निर्देश दिया कि अजोवस्तल प्लांट में छिपे यूक्रेन के सैनिकों को सरेंडर के साथ साथ जीवनदान की भी गारंटी दी जाए.

द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मन सेना पर मिला निर्णायक जीत को रुस हर साल 9 मई को विक्ट्री-डे के तौर पर मनाता आया है. इस साल में पिछले सालों की तरह रुस की राजधानी मॉस्को की पहचान, रेड स्कॉवयर पर एक भव्य मिलिट्री-परेड का आयोजन किया जाता है. इस दौरान सेना के हथियार और सैन्य साजो सामान की परेड में आ‌योजित की जाती है. पुतिन रेड स्कॉवयर पर सशस्त्र सलामी लेने के साथ साथ विक्ट्री पार्क में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं. ऐसे में यूक्रेन से पिछले 55 दिनों से चल रही जंग में ये विजय दिवस बेहद अहम माना जा रहा है.

पुतिन इसलिए भी अजोवस्तल प्लांट पर इसलिए भी लड़ाई बंद कराना चाह रहे हैं ताकि वहां मोर्चा संभाले रुसी सैनिकों को नुकसान ना हो. क्योंकि अजोवस्तल प्लांट एक ‘कैटाकॉम्ब’ की तरह है जिसमें कई ऐसी खुफिया टनल और ठिकाने हैं जिसके चलते अगर रुसी सैनिकों ने वहां दाखिल होने की कोशिश की तो वहां छिपे अजोव सैनिक जबरदस्त पलटवार कर सकते हैं. ऐसे में पुतिन ने ये भी आदेश दिया है कि अगर अजोव सैनिक सरेंडर नहीं करते हैं तो उन्हें किसी भी तरह बाहर ना निकलने दिया जा सके और उनकी सप्लाई लाइन को काटा जा सके.

पुतिन के अपने रक्षा मंत्री को दिए निर्देश

पुतिन के अपने रक्षा मंत्री को दिए निर्देश दिखाते हैं कि वे भी अब सैनिकों के प्राण गंवाना नहीं देना चाहते हैं. क्योंकि डॉनबास के दोनों ही ‘आजाद’ घोषित हो चुके देश, दोनेत्सक और लुहांस्क (लुगांस्क) के ज्यादातर हिस्सों पर रुस समर्थित मिलेशिया यानि विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है. गुरूवार को इंग्लैंड की डिफेंस इंटेलीजेंस ने कहा कि रुस की सेना अब अपना सारा ध्यान डॉनबास इलाके में लगाने जा रही है ताकि विक्ट्री डे परेड के दौरान पुतिन कोई बड़ी घोषणा कर सके. डिफेंस इंटेलीजेंस के मुताबिक, रुसी सेना को अब यहां एयर सपोर्ट भी मिल रही है.

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