विजय माल्या और नीरव मोदी प्रत्यर्पण की कार्रवाई से बुरी तरह घबराए हुए हैं। दोनों ही भारत की खराब जेलों का हवाला दे रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने प्रत्यर्पण के खिलाफ भारतीय जेलों की खराब स्थिति को सबसे बड़ा कवच बना रखा है। ऐसे में महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम जल्दी ही यूके और यूरोप का दौरा कर सकती है। पुलिस नीरव और माल्या से ये जानने की कोशिश करेगी कि वो सजा काटने के लिएओ कैसी जेल चाहते हैं।
महाराष्ट्र पुलिस की टीम इस बात की जानकारी करने जाएगी कि आखिर यूरोप और इंग्लैंड की जेलों में किस तरह की सुविधाएं हैं? विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधी किस तरह की स्थितियों की मांग कर रहे हैं? महाराष्ट्र पुलिस ने इस सिलसिले में राज्य सरकार को चिट्ठी भी लिखी है। उम्मीद है उन्हें जल्दी ही अनुमति मिल जाएगी।
पुलिस विदेशों में जेल की हालत का मुआयना करने के बाद उसी के मुताबिक महाराष्ट्र में जेल तैयार करेगी। इसका मकसद नीरव मोदी और विजय माल्या के इस तर्क की हवा निकालना और उन्हें वापस लेकर आना होगा। दरअसल यूरोपीय देशों की जेलों में सीपीटी स्टैंडर्ड लागू होता है। यह स्टैंडर्ड जेलों के भीतर किसी भी तरह की यातना और अमानवीय बर्ताव को रोकने के लिए तैयार किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस इसी स्टैंडर्ड का जायजा लेगी।