चीन के कुछ इलाकों मे गंभीर बाढ़ के चलते अब तक 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं। इनके अलावा इस भीषण आपदा में अब तक करीब 3.8 करोड़ लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं। चीन इस वक्त देश के 27 प्रांतों में इस आपदा का सामना कर रहा है। बुरी तरह प्रभावित इलाकों में जियांग्शी, अन्हुई, हुबेई और हुन्नान प्रांत शामिल हैं।
चीनी अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित इलाकों से अब तक करीब 22.5 लाख लोगों को बचाया जा चुका है। देश के बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत कार्यालय ने बताया है कि पिछले कई सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश से यांग्त्जी समेत कई नदियों में बाढ़ आ गई है।
इस बाढ़ से 28,000 से अधिक इमारतें नष्ट हो जाने से करीब 11.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी सावधानी बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
जानकारी मे अनुसार जून की शुरुआत से अब तक चीन में 433 नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इनमें भी 33 में जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है। सोमवार तक यांग्त्जी व हुइहे नदी के साथ डोंगिंग, पोयांग और ताइहू झील में पानी चेतावनी स्तर से अधिक हो गया है।
चीन में आई बाढ़ और तेज बारिश के बीच उत्तर-पूर्वी शहर तंगशान में रविवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप भी आया। हालांकि, भूकंप से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है लेकिन देश में प्राकृतिक आपदा के हालात गंभीर हैं। बाढ़ के कारण 4.5 लाख हेक्टेयर में कृषि उत्पाद भी प्रभावित हुआ है। च्यांगशी प्रांत के अलावा, हूपेई और हूनान प्रांत में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 61 लोग मारे गए हैं जबकि 41 लोग लापता बताए गए हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित है। लापता लोगों को खोजने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ खोज और बचाव अभियान जारी है।
जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि भूस्खलन से उनके घर बह गए हैं। प्रभावितों ने स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है। मायागड़ी के धौलागिरि ग्राम परिषद अध्यक्ष थमसरा पुन ने कहा कि पहले चरण में हमने घायलों को बचाया जो पूरा होने में हमें लगभग 30-35 घंटे लगे।
अब हम लापता लोगों के लिए अपना खोज अभियान जारी रख रहे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं.. और जो मृत हैं उनकी पहचान और उनके दाह संस्कार की भी व्यवस्था कर रहे हैं।