भारत-चीन विवाद के बाद से ही देश में चीनी कंपनियों के बायकॉट की मांग तेज हो गई है। लेकिन BCCI IPL स्पॉन्सर VIVO से करार खत्म नहीं करेगी। BCCI कोषाध्यक्ष अरूण धूमल ने गुरुवार को कहा कि हमें चीनी मोबाइल कंपनी VIVO से हर साल स्पॉन्सरशिप के जरिए 440 करोड़ रुपए मिलते हैं और उससे हमारा करार 2022 तक है। इसके बाद ही स्पॉन्सरशिप की समीक्षा की जाएगी।
धूमल ने कहा कि चीनी कंपनी से हुए स्पॉन्सरशिप करार से पैसा भारत में आ रहा है न कि वहां जा रहा। हमें यह समझना होगा कि चीनी कंपनी को उसके हित में सहयोग करने और चीनी कंपनी के जरिए देश का हित साधने में बड़ा फर्क है।
उन्होंने आगे कहा कि चीनी कंपनियां भारत में अपने प्रोडक्ट बेचकर जो पैसा कमाती हैं उसका बड़ा हिस्सा ब्रांड प्रमोशन के नाम पर BCCI को मिलता है। बोर्ड उस कमाई पर केंद्र सरकार को करीब 42% टैक्स देता है। ऐसे में यह करार चीन के नहीं, बल्कि भारत के हितों को साधने वाला है।
बोर्ड कोषाध्यक्ष ने आगे कहा कि मैं निजी तौर पर चीन के सामान पर आत्मनिर्भरता कम करने के पक्ष में हूं। लेकिन जब तक वहां की कंपनियों को देश में बिजनेस करने की इजाजत है, तब तक अगर कोई चीनी कंपनी IPL जैसे भारतीय ब्रांड को स्पॉन्सर करती है तो उसमें कोई बुराई नहीं।
धूमल के कहा कि अगर मैं किसी चीनी कंपनी को देश में क्रिकेट स्टेडियम बनाने का ठेका देता तो मैं सीधे तौर पर उनकी मदद करता। गुजरात क्रिकेट एसोसिशएन ने मोटेरा में दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनाया, लेकिन उसका कॉन्ट्रैक्ट एक भारतीय कंपनी एलएंडटी को दिया था।
उन्होंने कहा कि देश में हजारों करोड़ की लागत से क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा है, लेकिन इसमें से एक का भी कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनी को नहीं दिया गया।
कोषाध्यक्ष ने कहा कि अगर चीन का पैसा भारतीय क्रिकेट को मदद कर रहा है तो हमें इससे कोई दिक्कत नहीं। हम गैर चीनी या भारतीय कंपनियों से भी स्पॉन्सरशिप का पैसा हासिल कर सकते हैं, लेकिन सोच यही है कि जब चीनी कंपनियों को भारत में उनके प्रोडक्ट बेचने की इजाजत दी जा रही है तो बेहतर यही होगा कि वह पैसा भारतीय अर्थव्यवस्था में लौटे।
चीनी मोबाइल कंपनी OPPO पिछले साल सितंबर तक टीम इंडिया को स्पॉन्सर कर रही थी। हालांकि, इसके बाद से बेंगलुरु की ऐप आधारित एजुकेशन कंपनी BYJU भारतीय टीम को स्पॉन्सर कर रही है। BCCI ने BYJU से जो करार किया है, वह 5 सितंबर 2019 से 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगा।
इससे पहले, मार्च 2017 में OPPO ने VIVO को हराकर 768 करोड़ में 5 साल के लिए टीम इंडिया की जर्सी के राइट्स खरीदे थे। उस डील के मुताबिक OPPO को बायलैट्रल सीरीज के एक मैच में BCCI को 4.61 करोड़ रुपए देने थे, जबकि ICC टूर्नामेंट में हर मैच के लिए उसे 1.56 करोड़ रुपए चुकाने थे।