आखिर क्या छिपा रहा ड्रैगन? WHO को Covid-19 के शुरुआती मरीजों का डेटा देने से इंकार

कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच करने वुहान गई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के साथ चीन ने सहयोग नहीं किया है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि चीन ने वुहान में मिले कोरोना वायरस के शुरुआती मरीजों का डेटा देने से इनकार कर दिया था। उसने केवल एक सीमित लिस्ट भेजी थी, जिसमें कोई डेटा नहीं था। चीन के इर रवैये के कारण कोरोना के उत्पत्ति की जांच को प्रभावित होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। चीन को डर है कि अगर यह डेटा सार्वजनिक हो जाता है तो उसकी शुरुआती गलतियां दुनिया के समाने आ जाएंगी।

इस टीम में शामिल ऑस्ट्रेलियाई संक्रामक रोग विशेषज्ञ डोमिनिक ड्वायर ने कहा कि चीन के वुहान में पहली बार मिलने वाले कोरोना संक्रमितों के डेटा की कमी यह समझने के प्रयासों को जटिल बना सकती है कि एक साल पहले इसका प्रकोप कैसे शुरू हुआ था। टीम ने चीन की सरकार से उन 174 लोगों के शुरुआती डेटा की मांग की थी, जिनमें सबसे पहले कोरोना संक्रमण का पता चला था।

सिडनी वापस आ चुके डोमिनिक ड्वायर ने कहा कि इस डेटा के मिलने से हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती थीं। यह एक प्रकोप की जांच के लिए मानक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि इस 174 लोगों में से केवल आधे लोग ही हुनान के मार्केट के संपर्क में आए थे। बता दें कि कोरोना वायरस को सबसे पहले इसी मार्केट में डिटेक्ट किया गया था। इसे वुहान सी फूड मार्केट के नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने बताया कि इस तरह के शुरुआती डेटा को लाइन लिस्टिंग के रूप में जाना जाता है। इससे हमें रोगियों से पूछे गए प्रश्न, उनकी प्रतिक्रियाएं और उन प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण का पता चल पाता। जिससे हम यह जान पाते कि क्या चीन ने इस महामारी की जानकारी होने के बाद सही तरीके से फैसले किए। इसलिए ही हमने चीन से इस डेटा की मांग की थी।

WHO के अध्यक्ष ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया है कि इस थिअरी को अभी खारिज नहीं किया गया है कि कोरोना वायरस वुहान की लैबरेटरी से निकला था। संगठन की टीम चीन पहुंची थी इस बात का पता लगाने के लिए कि वायरस का कहां से पैदा हुआ लेकिन यह मिशन फेल हो गया। हालांकि, ऐसी खबरें आई थीं कि टीम ने वायरस के लैब से लीक होने की थिअरी को नकारा था।

WHO को COVID-19 फैलने की प्रारंभिक जांच की जिस तरह से जानकारी मुहैया कराई गई, उस पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने उस पर कड़े शब्दों वाला बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि COVID-19 फैलने की प्रारंभिक जांच की जानकारी जिस तरह से मुहैया कराई गई, उससे हम चिंतित हैं। यह जरूरी है कि यह रिपोर्ट स्वतंत्र हो, इसमें विशेषज्ञों की राय शामिल हो और इसमें चीनी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो।

उन्होंने कहा कि इस महामारी को समझने और आने वाले समय में ऐसी महामारी से निपटने की तैयारी करने के लिए चीन को COVID-19 फैलने के प्रारंभिक दिनों से लेकर अब तक के आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए।सुलिवन ने कहा कि चीन समेत सभी देशों को स्वास्थ्य आपदा को रोकने के प्रति पारदर्शी प्रकिया अपनानी चाहिए, ताकि दुनिया को जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा इसका लाभ मिल सके।

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