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इस अप्रैल से खुल रहा है कैंपस शूज बनाने वाली कंपनी का IPO, जानिए खास बातें

Campus Activewear IPO: कैंपस शूज बनाने वाली कंपनी Campus Activewear Limited का IPO 26 अप्रैल को खुल रहा है जिसमें आप 28 अप्रैल तक पैसे लगा सकते हैं। आईपीओ (IPO) के जरिए कैंपस एक्टिववीयर लिमिटेड जो पैसे जुटा रही है वह पूरी तरह से प्रमोटर्स और कंपनी के इन्‍वेस्‍टर्स की झोली में जाएगा और कंपनी को इस ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये जुटाई गई राशि से कोई पैसा प्राप्‍त नहीं होगा। Campus Activewear Limited के IPO में निवेश करने से पहले आपको इसे जुड़ी कुछ खास बाते जान लेनी चाहिए।
कैंपस एक्टिववीयर आईपीओ (IPO) का प्राइस बैंड 278 रुपये से 292 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी के चीफ फीाइनेंशियल ऑफिसर रमन चावला ने बताया कि इस आईपीओ (IPO) से लगभग 1400 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। उन्‍होंने यह जानकारी भी दी कि कंपनी के प्रमोटर्स- हरि कृष्‍ण अग्रवाल और निखिल अग्रवाल- ऑफर फॉर सेल के जरिए अपनी 4.2 फीसद हिस्‍सेदारी बेच रहे हैं। वहीं, प्राइवेट इक्विटी इन्‍वेस्‍टर TPG Growth III SF Pte Ltd अपनी 9.6 % हिस्‍सेदारी बेच रहा है। QRG Enterprises अपने 60.5 लाख इक्विटी शेयर्स इस OFS के जरिए बेच रही है। अन्‍य निवेशकों की बात करें तो राजीव गोयल और राजेश कुमार गुप्‍ता इस कंपनी के 3 लाख शेयर्स बेच रहे हैं।
ampus Activewear IPO के जरिए क्‍यों जुटा रही है फंड?
चावला ने बताया कि इस सार्वजनिग निर्गम के जरिये जो पैसे जुटाने जा रही है वह निवेशकों और प्रमोटर्स की झोली में जाएगा और कंपनी को इससे कोई पैसे नहीं मिलेंगे। उन्‍होंने बताया कि 2000 से अधिक डिजाइन वाली जूते बनाने वाली कंपनी Campus Activewear Ltd एक कैश रिच कंपनी है। इस IPO का उद्देश्‍य स्‍टॉक एक्‍सचेंजों पर इक्विटी शेयर सूचीबद्ध होने का लाभ प्राप्‍त करना और ऑफर फॉर सेल की प्रक्रिया पूरा करना है।
Campus Activewear की वित्‍तीय स्थिति
चावला ने जानकारी दी कि कंपनी का कर-पश्‍चात लाभ (PAT) मार्च-दिसंबर 2021 तक के लिए (9MFY22) 84.80 करोड़ रुपये रहा जो 9MFY21 में 16.80 करोड़ रुपये था। मतलब इसमें 403 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 9MFY22 की अवधि में कंपनी का राजस्‍व 841.80 करोड़ रुपये रहा पिछले वर्ष की समान अवधि में 436.20 करोड़ रुपये था। उन्‍होंने बताया कि कंपनी का EBITDA 9MFY22 में 165.20 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 54.30 करोड़ रुपये था। EBITDA का मतलब ब्‍याज, टैक्‍स, डेप्रिसिएशन और एमोर्टाइजेशन से पहले की कमाई से है। वित्‍त वर्ष 2020-21 में कंपनी का कर-पश्‍चात मुनाफा (PAT) कोविड की वजह से 26.86 करोड़ रुपये था।
Campus Activewear के प्रमोटर्स और मैनेजमेंट के बारे में जानें
कैंपस एक्टिववीयर के प्रमोटर्स हरि कृष्‍ण अग्रवाल और निखिल अग्रवाल की इक्विटी हिस्‍सेदारी कंपनी में 73.92 फीसद है। निवेशकों की हिस्‍सेदारी की बात करें तो TPG Growth III SF Pte Ltd की 17.19 फीसद और QRG Enterprises की 3.86 फीसद है। हरि कृष्‍ण अग्रवाल कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्‍टर हैं और निखिल अग्रवाल पूर्ण-कालिक निदेशक और सीईओ हैं। अनिल राय गुप्‍ता और अंकुर नंद थडानी कंपनी के बोर्ड में नॉन-इंडिपेंडेंट नॉन- एक्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर्स हैं। वहीं, अनिल कुमार चनाना, मधुमिता गांगुली, नितिन सवारा और जय कुमार गर्ग कंपनी के बोर्ड में स्‍वतंत्र निदेशक हैं।
क्‍या हैं जोखिम?
Campus Activewear के CFO रमन चावला ने बताया कि कंपनी के पांच प्‍लांट विभिन्‍न राज्‍यों में हैं जहां जूतों की असेंबलिंग की जाती है। कंपनी जूते के ऊपरी हिस्‍से के निर्माण के लिए आउसोर्सिंग पर निर्भर है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भविष्‍य में कंपनी का रिश्‍ता ऐसे कान्‍ट्रैक्‍चुअल श्रमिकों से बिगड़ता है या श्रमिक लागत बढ़ाने की बात करते हैं या अपनी जरूरत के अनुसार कान्‍ट्रैक्‍चुअल श्रमिक नहीं ढूंढ पाती तो कंपनी का फाइनेंशियल परफॉरमेंस प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।
चावला ने बताया कि ऑनलाइन सेलिंग चैनल्स 20 से अधिक हैं, जिनमें फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे नाम भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि ऑनलाइन सेलिंग के लिए कंपनी थर्ड पार्टी सेलर्स पर ज्‍यादा निर्भर करती है।

इसके अलावा, स्‍पोर्ट्स और एथलीजस फुटवियर उद्योग काफी प्रतिस्‍पर्धी है। इस क्षेत्र में Bata, Liberty जैसी कंपनियां जहां सस्‍ते जूते बनाती है, वहीं Nike, Reebok जैसी कंपनियां मध्‍यम से उच्‍च कीमत वाली जूते बनाती है।

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