ब्रिटेन की संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ के नेता ने भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर अपनी सरकार के रुख को प्रदर्शित करते हुए कहा है कि कृषि सुधार उसका (भारत का) घरेलू मुद्दा है। इस मुद्दे पर चर्चा कराने की बृहस्पतिवार को विपक्षी लेबर सांसदों की मांग पर जैकब रेस-मॉग ने स्वीकार किया कि यह मुद्दा सदन के लिए और ब्रिटेन में समूचे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन पूरे विश्व में मानवाधिकारों की हिमायत करना जारी रखेगा और वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अपनी मौजूदा अध्यक्षता के तहत भी यह करेगा।
कंजरवेटिव पार्टी के वरिष्ठ सांसद रेस-मॉग ने कहा, ‘भारत एक बहुत ही गौरवशाली देश है और ऐसा देश है जिसके साथ हमारे सबसे मजबूत संबंध हैं। मुझे उम्मीद है कि अगली सदी में भारत के साथ हमारे संबंध दुनिया के किसी भी अन्य देश के साथ संबंधों की तुलना में सर्वाधिक महत्वपूर्ण होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि भारत हमारा मित्र देश है, ऐसे में सिर्फ यही सही होगा कि हम तभी अपनी आपत्ति प्रकट करें, जब यह लगे कि जो कुछ भी चीजें हो रही हैं वह हमारे मित्र देश की प्रतिष्ठा के हित में नहीं हैं।’