यूपी में होने वाले आगामी Panchayat Chunav को लेकर अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। परिसीमन, वोटर लिस्ट और आरक्षण सूची का काम एक साथ अलग-अलग कर्मचारी कर रहे हैं। इस बीच बदायूं में जिलाधिकारी ने एक बैठक में बताया कि इस बार जिन ग्राम प्रधानों, BSC मेंबर, वार्ड सभासद, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत संदस्य पर सरकारी बकाएदारी है वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर वे चुनाव लड़ना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें जल्द से जल्द बकाये धनराशि का भुगतान कर देना चाहिए। चुनाव में बकायेदारी बाधा बन सकती है। उन्होंने बताया कि बिना एनओसी के पर्चा खारिज हो जाएगा।
कलक्ट्रेट सभागार में डीएम कुमार प्रशांत ने CDO निशा अनंत व BDO एवं संबधित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। जहां सामुदायिक शौचालयों एवं पंचायत भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, उसे प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराने को कहा। जिन ग्राम पंचायतों में ओवरहेड टैंक से पेयजल की आपूर्ति की जाती है, वहां प्रति कनेक्शन हर महीने वसूली की जाये। इसके लिए रसीदबुक भी छपवा ली जाए और जहां पंप ऑपरेटर नहीं हैं, वहां पंप ऑपरेटर भी रखे जाए। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में खोदे गए तालाबों में मत्स्य पालन किया जाये। कहीं अवैध अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। मनरेगा के कार्य में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी रहे।
पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा। इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आधार पर पंचायतीराज विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है। यह प्रस्तुतीकरण शुक्रवार CM योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभागीय अधिकारियों को प्रस्तुत करना था। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर इस प्रस्तुतीकरण को लेकर गये थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। मगर मुख्यमंत्री की अन्य बैठकों में व्यस्तता के चलते यह प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका। अब यह प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के समक्ष निकट भविष्य में पेश किया जाएगा।