सेक्स हॉर्मोन टेस्ट शरीर में प्रजनन तंत्र से संबंधित टेस्ट है, जिसके जरिए एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन Hormone का पता लगाया जाता है। टेस्टोस्टेरोन Hormone महिला और पुरुष, दोनों में पाए जाते हैं, जो जननांगों को विकसित करने का काम करते हैं। वहीं एस्ट्रोजन भी एक सेक्स हॉर्मोन है, जो महिलाओं की ओवरी द्वारा बनाया जाता है। इसकी कुछ मात्रा पुरुषों में एड्रिनल ग्रंथि द्वारा भी बनाई जाती है। इसके अलावा प्रोजेस्टेरोन Hormone सिर्फ महिलाओं में ही पाया जाता है। इन सभी Hormone के निर्माण में जब कुछ गड़बड़ी आती है तो व्यक्ति की सेक्स लाइफ प्रभावित होने लगती है। इन हालात में सेक्स Hormone टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। आइए जानते हैं क्या होता है Sex Hormone Test ।
ये लक्षण दिखे तो जरूर करवाएं सेक्स हार्मोन टेस्ट
महिला हो या पुरुष, जब दोनों में सेक्स के प्रति अरुचि हो तो यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इसके अलावा पिट्यूटरी ग्रंथि में Hormone संबंधी कुछ दोष हो, ओवरी में कैंसर, प्रजनन अंग उम्र के अनुसार विकसित नहीं हो रहे हों तो यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इसके अलावा पुरुषों में भी कभी-कभी स्तनों के असामान्य रूप से बढ़ने के मामले दिखते हैं या महिलाओं के मासिक धर्म के शुरू न होने या अनियमित होने की स्थिति में भी हॉर्मोन टेस्ट जरूरी होता है। आमतौर पर बांझपन या नपुंसकता जैसे दोषों के लिए यह टेस्ट होता है। कई महिलाओं में बार-बार गर्भपात की समस्या होती है तो इस स्थिति में भी सेक्स हॉर्मोन टेस्ट कराना चाहिए।
टेस्ट से पहले सावधानी
सेक्स Hormone टेस्ट से पहले कुछ जरूरी बातों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। जब भी टेस्ट करवाने जाएं तो अपने किसी परिचित या दोस्त को साथ लेकर जरूर जाना चाहिए। इसके अलावा टेस्ट से पहले थोड़ा खाना जरूर खा लेना चाहिए। टेस्ट के दौरान भूखे पेट नहीं जाना चाहिए। पहले से जो भी दवाएं ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर को जरूर बता दें, क्योंकि कुछ ड्रग ऐसे होते हैं, जो टेस्ट करने से पहले सेवन करना बंद करना पड़ता है।
हार्मोन टेस्ट के दौरान सावधानी
इस दौरान मरीज के 24 घंटे के यूरिन टेस्ट किए जाते हैं, जिसके जरिए मरीज के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर पता लगाया जाता है। ब्लड टेस्ट भी किए जाते हैं। यदि सेक्स Hormone टेस्ट करवाने से एक हफ्ते पहले कोई अन्य मेडिकल टेस्ट कराया है तो यह भी डॉक्टर को बता दें, क्योंकि रेडियोएक्टिविटी के कारण रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है।
प्रजनन तंत्र से जुड़े हॉर्मोन और उनके कार्य
एस्ट्रोजेन –
यह एक महिला सेक्स Hormone है, जो कि अंडाशय द्वारा उत्पन्न होता है। यह भी वसा कोशिकाओं और अधिवृक्क ग्रंथि द्वारा निर्मित है। यह मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति को प्रभावित करता है। महिला के शरीर में जब यह Hormone ज्यादा स्त्रावित होता है तो ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अवसाद, मनोदशा आदि का खतरा बढ़ जाता है।
प्रोजेस्टेरोन –
प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन अंडाशय, नाल और अधिवृक्क ग्रंथियों से निकलता है। यह महिला के शरीर में गर्भावस्था बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर को गर्भाधान, गर्भधारण के लिए तैयार करने और मासिक चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब गर्भावस्था नहीं होती है, प्रोजेस्टेरोन का स्तर शिथिल हो जाता है और मासिक धर्म चक्र होता है।
टेस्टोस्टेरोन –
यह सेक्स Hormone सिर्फ पुरुषों में पाया जाता है। यह एक अनाबोलिक स्टेरॉइड है, जो शरीर की मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। यह हॉर्मोन यौन विशेषताओं को बढ़ावा देता है जैसे कि मांसपेशियों और हड्डियों का शरीर में वृद्धि होना, शरीर में बालों की वृद्धि आदि। अगर टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में अपर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होता है तो हड्डियां कमजोर होने सहित कई प्रकार की असामान्यताएं हो सकती हैं।