ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं, कोई है जो हमसे अनजान नहीं!

ब्रह्मांड अनंत है और हम यहाँ अकेले जीव नहीं हैं अगर हम यह सोचें की हम ही सिर्फ पूरे ब्रह्माण्ड में हैं तो यह महज़ हमारे दिमाग का वहम हो सकता है। शायद कोई ऐसा भी है जिसने शायद हमें खोज लिया है और जो हमसे अब तक अंजान है। सबसे पहली और सबसे बड़ी वजह तो यही है कि कई बार इस तरह के चीजों को आसमान में देखा गया है जिनका संबंध पृथ्‍वी से नहीं रहा है। इसके अलावा इसी माह चीन के सबसे बड़े टे‍लिस्‍कोप ने भी गहरे ब्रह्मांड से आए कुछ अजीब सिग्‍नल की जानकारी दी थी। हालांकि इन सभी बातों पर वैज्ञानिक गहन शोध कर रहे हैं, लेकिन ये सभी इस बात को मानते हैं कि हम इस ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं।

दिसंबर 2017 और मार्च 2018 में न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने तीन वीडियो जारी की थी। इन वीडियो का संबंध भी इन्‍हीं अपरिचित चीजों से था। इन वीडियो में यूएस नेवी पायलट ने दूर आसमान में कुछ अजीबो-गरीब चीजों को उड़ते हुए देखा था। इनकी स्‍पीड इतनी थी कि इनका पीछा कर पाना असंभव था। इसके बावजूद हवा में उड़ती अंजानी चीज में न तो कोई किसी तरह के फ्यूल के जलने, न इंजन होने, न इसके विंग्‍स होने की बात भी सामने आई थी। यह कोई हाईटैक ड्रोन था या कुछ और चीज इसका पायलट को भी अंदाजा नहीं था। इस बारे में न तो कभी नेवी के इंटेलिजेंस और न ही अमेरिकी खुफिया विभाग ने कभी कोई स्‍टेटमेंट जारी की।

लेकिन, हाल ही में एक इंटेलिजेंसी न्‍यूज वेबसाइट ब्‍लैक वॉल्‍ट ने डिप्‍टी चीफ ऑफ नेवी ऑपरेशंस फॉर इंफॉर्मेशन वारफेयर के प्रवक्‍ता ने माना कि नेवी ने इन तीनों वीडियों में दिखाई दी जाने वाली अजीब से चीज को एक क्राफ्ट या अनआईडेंटिफाई एरियल फिनोमिना के तौर पर लिया है। इसका सीधा अर्थ है कि आसमान में जो चीज जो इन तीनों वीडियो में दिखाई दी वह सही थी। आपको बता दें कि जिस तरह की घटना 2004 और 2015 में मिलिट्री ट्रेनिंग एयरस्‍पेस में भी इसी तरह की कुछ चीजें दिखाई दी थी। आपको बता दें मिलिट्री ट्रेनिंग एयरस्‍पेस में किसी भी तरह के अन्‍य हवाई जहाज, ड्रोन या अन्‍य चीजों का उड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

हालांकि, जिस वक्‍त इस तरह की कोई अंजान चीज या यूएफओ के इस आसमान में दिखाई देने की बात सामने आई थी उस वक्‍त भी इसको लेकर कोई स्‍टेटमेंट जारी नहीं की गई थी। जिन तीन वीडियो के रिलीज किए जाने की बात सामने आई है उन्‍हें पहले रिलीज करने के लिए पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी ने सरकार और रक्षा मंत्रालय से इजाजत मांगी थी। इसका मकसद इन वीडियोज को दुनिया के दूसरे देशों की सरकारों को भेजना था जिससे उनके भी डाटाबेस में इस तरह की घटनाएं और आंकड़े दर्ज हो सकें। 2004 में दिखाई दिए जाने वाले यूएफओ की बात करें तो यह अचानक करीब 80000 फीट की ऊंचाई पर अचानक से आसमान में दिखाई दिया था।

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