रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने एक बार फिर यूक्रेन (Ukraine) को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि, यह सैन्य संघर्ष जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं, सिर्फ तभी रुकेंगे जब कीव (Kyiv) हथियार डाल देगा और क्रेमलिन (Kremlin) की सभी मांगों को मान लेगा. पुतिन ने यह बात तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन के साथ टेलिफोन पर हुई बातचीत के दौरान कही. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को शांति वार्ता के तीसरे दौर के लिए ‘रचनात्मक’ दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाएगी.
राष्ट्रपति पुतिन की इस टिप्पणी को क्रेमलिन रीडआउट में प्रकाशित किया गया. यूक्रेन में रूस के ‘स्पेशल ऑपरेशन’ की आज पॉप फ्रांसिस ने निंदा की. उन्होंने इसे ‘आँसू और खून की नदियों’ का वाला ऑपरेशन बताया, जो कि एक योजना के अनुसार चल रहा था और इसे शेड्यूल किया गया था.
क्रेमलिन ने कहा कि, यह स्पेशल ऑपरेशन केवल तभी रुकेगा जब कीव हथियार डाल दे और रूस की मांगों को मान लें. पश्चिमी देशों के साथ यूक्रेन की नजदीकी और NATO में शामिल होने के कदम से राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था.
मॉस्को ने जोर देकर कहा है कि उसके हमले तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं को नष्ट नहीं कर दिया जाता और देश को ‘नव नाजियों’ से मुक्त नहीं कर दिया जाता. यूक्रेन ने रूस के खिलाफ वैश्विक समुदाय और अलग-अलग पश्चिमी देशों से समर्थन मांगा था, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को सिर्फ कूटनीतिक सहयोग दिया है.
इस युद्ध में रूस ने यूक्रेन की पोर्ट सिटी खेरसान, न्यूक्लियर प्लांट, खारकीव और मारियुपोल पर कब्जा जमा लिया है. ब्रिटिश मिलिट्री इंटेलीजेंस ने बताया कि, रूस का सैन्य काफिला राजधानी कीव की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. हालांकि यूक्रेन के मजबूत जवाब से रूस की सेनाओं की रफ्तार धीमी पड़ गई है.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से कहा कि, अगर आप यूक्रेन को शक्तिशाली सहायता देने में नाकामयाब रहते हैं, तो कल युद्ध आपके दरवाजे पर दस्तक देगा.