अगले साल उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियां बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं, एआईएमआईएम के चीफ Asaduddin Owaisi के उत्तराखंड चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सियासत तेज हो गई है। यकीनन राज्य में BJP, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अब AIMIM की एंट्री के साथ मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
बहरहाल, Asaduddin Owaisi की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के यूपी के बाद उत्तराखंड में भी चुनाव लड़ने से न सिर्फ सियासी पारा बढ़ा है बल्कि चुनाव में ध्रुवीकरण की राजनीति के चरम पर पहुंचने की संभावना भी बढ़ गई है। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की अल्पसंख्यक मतदाताओं पर अच्छी पकड़ मानी जाती है और राज्य के कई जिलों में अल्पसंख्यक मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। मसलन उत्तराखंड के देहरादून, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और हल्द्वानी में मुस्लिम वोटर काफी संख्या में रहते हैं।
कांग्रेस को होगा नुकसान
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के उत्तराखंड के मैदान में उतरने से कांग्रेस को ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद है, क्योंकि मुस्लिमों को उसका परंपरागत मतदाता माना जाता रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी भी सेंधमारी में जुटी हुई है और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेता लगातार राज्य के दौरे कर रहे हैं। यही नहीं, इस दौरान वह BJP और कांग्रेस पर हमले करने के साथ खुद को विकल्प बता रहे हैं। जबकि केजरीवाल ने राज्य में अपनी सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री देने का ऐलान करने के साथ पुराने बिल माफ करने का वायदा भी किया है।
असदुद्दीन ओवैसी करेंगे उत्तराखंड का दौरा
उत्तराखंड के AIMIM अध्यक्ष डॉ.नय्यर काजमी के मुताबिक, पार्टी चीफ Asaduddin Owaisi अगले कुछ दिनों में राज्य का दौरा करेंगे. इसके साथ उन्होंने कहा कि BJP और कांग्रेस दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जबकि दोनों ने राज्य की जनता को ठगने का काम किया है, लेकिन इस बार जनता इनके जाल में फंसने वाली नहीं है। इसके साथ काजमी ने कहा कि इस बार हम राज्य की 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और पूरी दमदारी के साथ प्रचार करते हुए जीत हासिल करेंगे।