UP Election 2022: अब चुनावी रण में भगवान बुद्ध और श्रीराम भी, 5वें चरण के लिए भाजपा ने तरकश में सजाए नए तीर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के रण में राजनीतिक महारथियों के साथ अब भगवान बुद्ध और श्रीराम का भी प्रवेश हो चुका है। अयोध्या के रामभक्तों पर गोलियां चलवाने के लिए तो भाजपा हमेशा ही सपा को घेरते रहती है, अब कौशांबी में भगवान बुद्ध के निरादर का आरोप भी सपा मुखिया अखिलेश यादव पर लगाकर भगवा खेमे ने आस्था से जुड़े मुद्दों को हवा देने का प्रयास तेज कर दिया है।

पांचवें चरण की कुल 61 सीटों में अयोध्या के साथ ही कौशांबी की विधानसभा सीटों पर भी मतदान होना है। मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ी सपा पर प्रहार के लिए चरणवार अपने अस्त्र बदल रही भाजपा ने इस चरण के लिए आस्था से जुड़े नए तीरों से अपना तरकश सजाया है।

उत्तर प्रदेश में राम लहर के सहारे सत्ता प्राप्त कर चुका सत्ताधारी दल इस बार गदगद है, क्योंकि दशकों तक राम मंदिर आंदोलन के संकल्प के साथ चलाया। राजनीतिक हानि पर भी भाजपा ने यह नारा नहीं छोड़ा- ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।’ बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद वहां राम मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है। इधर, योगी सरकार ने अयोध्या का चहुंमुखी विकास कराना शुरू कर दिया है। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि इतने बड़े संकल्प की सिद्धि का प्रभाव मतदाताओं पर अवश्य पड़ेगा। इसके अलावा अयोध्या पर सपा को घेरने के लिए पुरानी घटना भी पार्टी नेता याद दिलाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट किया- ‘श्री अयोध्या जी’ कोटि-कोटि जन की आस्था का केंद्र है। मध्यकाल में कुत्सित मानसिकता वालों ने धर्मनगरी का नाम परिवर्तित कर इसके गौरव को लहूलुहान कर दिया था। हमने उस प्राचीन गौरव को पुन:स्थापित किया है। हमारे राम की नगरी आज भव्य दीपोत्सव से सुशोभित हो रही है। योगी ने मुगल शासन की ओर इशारा किया था तो भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी हिमांशु दुबे ने सीधे सपा को निशाने पर ले लिया। उन्होंने ट्वीट किया- ‘भूला नहीं है उत्तर प्रदेश। 30 अक्टूबर, 1990 के दिन मुलायम सिंह यादव सरकार में निहत्थे रामभक्तों पर बरसाई गई थीं गोलियां। सीने पर लात रखकर सिर में मारी गई थीं रामभक्तों को गोलियां। सरयू नदी हो गई थी खून से लाल।’

वहीं, भाजपा उत्तर प्रदेश के अधिकृत ट्विटर हैंडल से लिखा गया- ‘भाजपा सरकार ने अयोध्या की खोई हुई विरासत को वापस दिलाकर एक तरफ सनातन धर्म का गौरव लौटाया, वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम की नगरी को विश्व भर में आध्यात्मिक पर्यटन नगरी के रूप में पहचान दिलाई।’ इसके साथ ही अयोध्या में विकास कार्यों की कहानी सुनाता एक वीडियो भी साझा किया गया।

इसी तरह अखिलेश यादव का हाल ही का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बुधवार को कौशांबी की जनसभा इस वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा था कि अखिलेश यादव ने चांदी का मुकुट तो पहन लिया, लेकिन भगवान बुद्ध की प्रतिमा लेने से इन्कार कर दिया। यह भगवान बुद्ध का तिरस्कार है। इसके बाद इंटरनेट मीडिया पर तमाम लोगों ने उस वीडियो को साझा किया।

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ट्वीट किया- ‘उत्तर प्रदेश गौतम बुद्ध की स्थली है। यहां महात्मा बुद्ध जी का अपमान अखिलेश जी को महंगा पड़ेगा। चांदी के मुकुट की चमक ने उनको आकर्षित किया, लेकिन जिन्होंने सांसारिक सुखों का त्याग कर शांति का संदेश दिया, उनका अपमान कर अराजकतावादी संस्कृति का परिचय दिया है।

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