ATOMIC ATTACK

US में परमाणु हमले को लेकर बढ़ी चिंता, विपक्ष को शंका- कहीं एटमी हमले का आदेश न दे डालें Donald ट्रम्प

अमेरिका के कैपिटल हिल (Capitol Hall) हिंसा के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ विपक्ष ने नया मोर्चा भी खोल दिया है। राजनीति में ट्रंप की विरोधी और हाउस ऑफ रिजप्रेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने आशंका जताई है कि सत्ता के आखिरी दिनों में ट्रंप परमाणु हथियार इस्तेमाल (एटमी हमले) कर सकते हैं। ट्रंप को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से रोकने के लिए नैंसी पेलोसी ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ से मुलाकात की।

अमेरिका की जानी मानी नेता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सबसे बड़ी राजनीतिक विरोधी नैंसी पेलोसी को इसी तरह के परमाणु हमले की चिंता सताने लगी है। उन्होंने कहा, ‘वो एक बहुत ही खतरनाक व्यक्ति हैं, उन्हें राष्ट्रपति के पद पर नहीं होना चाहिए। ये बहुत ही जल्द होना चाहिए। नैंसी पेलोसी ने आशंका जताई है कि अमेरिकी संसद की हिंसा से बौखलाए ट्रंप अपनी सत्ता के बचे हुए 11 दिनों में परमाणु हमले का कदम उठा सकते हैं।

जब परमाणु हमला होता है तो आग का गोला आसमान में ऐसे फैलता है, जैसे कोई विशालकाय मशरूम हो। परमाणु हमले के बाद उस जगह की तस्वीर कितनी भयानक हो जाती है। ये जापान के हिरोशीमा और नागासाकी से बेहतर भला कौन समझ सकता है, जहां आज से 75 साल पहले 1945 में अमेरिका ने परमाणु बरसाए थे।

न्यूयॉर्क के मेयर बिल दे ब्लासियो ने डोनाल्ड ट्रंप पर देशद्रोह का आरोप लगाया है। बिल दे ब्लासियो ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप को जाना होगा। जो भी देशद्रोही हैं और अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। जो अपने ही देश के खिलाफ फसाद करे, उसकी उंगली परमाणु बटन पर नहीं होनी चाहिए।’

नैंसी पेलोसी ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के सदस्यों को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘एक अस्थिर राष्ट्रपति को सैन्य शत्रुता शुरू करने या परमाणु मिसाइल दागने के लिए ‘लॉन्च कोड’ तक पहुंच रोकने या परमाणु हमले का आदेश देने से रोकने के लिए जरूरी एहतियातों पर चर्चा करने के लिए ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले के साथ बात की।’

ऐसे वक्त में जब अमेरिका से लेकर दुनिया के कई देश अमेरिकी संसद पर हमले को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें दोषी ठहरा रहे हैं। ऐसे वक्त में क्या ट्रंप परमाणु हमले जैसा कोई कदम उठा सकते हैं, वो भी तब जब उनके कार्यकाल के गिनते के ही दिन बचे हैं। हालांकि ट्रंप ने हाल फिलहाल में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वो किसी तरह का युद्ध कर सकते हैं या फिर दुश्मन देशों के खिलाफ परमाणु युद्ध छेड़ सकते हैं।

अमेरिका से 11 हजार किलोमीटर दूर, अमेरिका के दुश्मन देशों में से एक उत्तर कोरिया को परमाणु हमले का डर जरूर सता रहा है। शायद इसीलिए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक बार फिर परमाणु कार्यक्रम में तेजी लाने का आदेश अपने सैन्य अधिकारियों को दिया है। उत्तर कोरिया की सत्ताधारी पार्टी वर्कर्स पार्टी के अधिवेशन को संबोधित करते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने अपने अधिकारियों को कहा है कि पानी के नीचे लॉन्च होने वाली न्यूक्लियर मिसाइलें तैयार की जाए, परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बियां विकसित हो और जासूसी सैटलाइट्स का निर्माण हो। इसके साथ ही किम ने 15 हजार किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली मिसाइलों को तैयार करने का आदेश दिया है।

अपने परमाणु प्लान को तेज करने के ऐलान के साथ ही किम जोंग उन ने एक बार फिर से अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। उत्तर कोरिया के न्यूज चैनल पर किंम जोग उन के भाषण की बातें पढ़ी गईं, ताकि अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया ये जान जाए कि उत्तर कोरिया, अमेरिका से अपनी दुश्मनी खत्म नहीं करेगा, भले ही अमेरिका में सत्ता बदल जाए।

किम जोंग उन और ट्रंप के बीच पिछले 4 सालों में कई बार तकरार देखने को मिल चुका है। यहां तक किम ने कई बार अमेरिका को खुलेआम धमकी तक दी, लेकिन तब भी परमाणु हमले जैसी नौबत नहीं आई। अब सवाल है कि क्या ऐसे वक्त में जब ट्रंप खुद अपने ही घर में अपनों और विरोधियों के हमले का शिकार हैं और सत्ता में अपना आखिरी वक्त मुश्किलों से काट रहे हैं, क्या वो परमाणु हमले जैसा बड़ा कदम उठा सकते हैं ?

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