राज्यसभा में 17 राज्यों की 55 सीटों पर आने वाले 26 मार्च को चुनाव होने हैं। इसी बीच खबर है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सोमवार की देर शाम केंद्र की बीजेपी सरकार ने पूर्व CJI रंजन गोगोई को नामित किया। गृह मंत्रालय की ओर से इस पर बीते सोमवार को एक अधिसूचना जारी की जिसके मुताबिक ‘संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (ए) और इसी अनुच्छेद के खंड (3) के तहत राष्ट्रपति राज्यसभा के नामित सदस्यों में से एक के रिटायरमेंट की वजह से रिक्त हुई सीट पर रंजन गोगोई को नामित करते हैं।’ आपको बता दें पूर्व CJI रंजन गोगोई राज्यसभा की जिस सीट के लिए मनोनीत किया गया है वो सीट केटीएस तुलसी के रिटायर होने की वजह से खाली हुई थी।
इसके साथ ही रंजन गोगोई को राज्यसभा सीट के लिए नामित किए जाने पर अब राजनीति भी तेज हो गई है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए और अपने ट्वीट में लिखा कि ‘क्या यह ‘इनाम है’? लोगों को जजों की स्वतंत्रता में यकीन कैसे रहेगा? कई सवाल हैं।’
आपको बता दें पूर्व CJI रंजन गोगोई ने 13 महीनो तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर कार्य किया इस बीच उन्होंने कुल 47 फैसले सुनाए। जिसमें सबसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण फैसला अयोध्या मामले पर राम मंदिर से जुड़ा फैसला था। जो बीते साल 9 नवंबर को पूर्व चीफ जस्टिस रंदन गोगोई की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय बेंच ने सुनाया था। इसके साथ ही उन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे जैसे मसलों पर फैसले सुनाए थे।