मध्य प्रदेश की राजनीति में उत्पन्न हुआ सियासी संकट हर दिन गहराता ही जा रहा है। जहां सोमवार को पूरे दिन कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से बचती दिखी तो वहीं बीजेपी भी अपनी मांग पर अड़ी रही बीजेपी ने विधानसभा में साफ कहा कि कमलनाथ सरकार अपना बहुमत साबित करे। हालांकि विधानसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को अगले 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। इसी बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को एक बार फिर से पत्र लिख कर अगले 17 मार्च तक की डेड-लाइन दी और कहा कि कमलनाथ 17 मार्च तक बहुमत साबित करें, यानी इस हिसाब से आज कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को मध्यप्रदेश में अपनी कुर्सी बचाने के लिए बहुमत साबित करना होगा। लेकिन आज भी फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं इस पर सस्पेंस बरकरार हैं।
आपको बता दें हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साथ उनके 22 समर्थक विधायको ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसमें से 6 विधायको का इस्तीफा स्वार कर लिया गया था वहीं बाकी के 16 के इस्तीफे को मंजूर किया गया है या नहीं ये अभी साफ नहीं हो पाया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सियासी समिकरण की बात करें तो कुल संख्या 230 है, जिनमें से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107। इसके साथ ही बीएसपी के पास दो और सपा के पास एक विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो विधानसभा सीटें खाली हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के लिए 116 विधायकों का है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 121 विधायको का समर्थन प्राप्त है। अब कौन सा सियासी भूचाल मध्यप्रदेश की राजनीति में आने वाला ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।