मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘अपर्णा जी का सवाल बहुत सहज है, लेकिन उतना ही मुश्किल भी। मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा- तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया. यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। बहुत से लोगों ने मुझे तमिल में लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है।
PM मोदी ने कहा, ‘साथियो, कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है। ये सवाल लंबे नहीं होते हैं, बहुत साधारण होते हैं, फिर भी वे हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी जी ने मुझसे ऐसा ही एक सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि आप इतने साल से PM हैं, इतने साल CM रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई।
PM मोदी ने कहा, ‘असम में हमारे मंदिर भी, प्रकृति के संरक्षण में, अपनी अलग ही भूमिका निभा रहे हैं, यदि आप, हमारे मंदिरों को देखेंगे, तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है।’
PM मोदी ने कहा, ‘जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक National spirit बन जाता है।
PM मोदी ने कहा, ‘बहुत इनोवेटिव तरीके से लद्दाख के उरगेन फुत्सौग भी काम कर रहे हैं। उरगेन जी इतनी ऊंचाई पर ऑर्गेनिक तरीके से खेती करके करीब 20 फसलें उगा रहे हैं, वो भी साइक्लिक तरीके से, यानी वो एक फसल के अपशिष्ठ को दूसरी फसल में, खाद के तौर पर इस्तेमाल कर लेते हैं।
PM मोदी ने कहा, ‘आज नेशनल साइंस डे भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित है। हम जैसे दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, वैसे ही हमें भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए।’
पानी को लेकर हमें इसी तरह अपनी सामूहिक जिम्मेदारियों को समझना होगा। भारत के ज्यादातर हिस्सों में मई-जून में बारिश शुरू होती है- PM मोदी
मन की बात में जल संरक्षण पर जोर देते हुए PM मोदी ने कहा, ‘कुछ दिनों बाद मार्च महीने में ही 22 तारीख को ‘World Water Day’ भी है। साथियो, एक समय था जब गांव में कुएं, पोखर, इनकी देखभाल, सब मिलकर करते थे, अब ऐसा ही एक प्रयास, तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में हो रहा है। मध्य प्रदेश के अगरोथा गांव की बबीता राजपूत जी भी जो कर रही हैं, उससे आप सभी को प्रेरणा मिलेगी।’
PM मोदी ने कहा, दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई-न-कोई परम्परा होती ही है। नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं। हमारी संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है, इसलिए, इसका विस्तार हमारे यहां और ज्यादा मिलता है।