पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने शुक्रवार को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को टेरर फंडिंग के दो मामलों में 32 साल की जेल की सजा सुनाई। यही नहीं अदालत ने उस पर 3.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की अदालत का यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब मुल्क में सियासी संकट गहराया है।
इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 70 वर्षीय आतंकी सरगना को पहले ही 36 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक 68 साल कैद की कुल सजा एक साथ चलेगी। एक वकील ने बताया कि सईद को कई साल जेल में बिताने पड़ सकते हैं क्योंकि उसकी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश एजाज अहमद भुट्टर ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग की ओर से दर्ज की गई दो प्राथमिकियों सईद को 32 साल की जेल की सजा सुनाई। केस संख्या 21/19 और 99/21 में हाफिज को क्रमशः 15.5 साल और 16.5 साल की सजा सुनाई गई।
आतंकवाद निरोधी अदालत (Anti Terrorism Court) ने हाफिज सईद (Hafiz Saeed) पर 340,000 रुपये (पाकिस्तानी) का जुर्माना भी लगाया है। अधिकारी ने बताया कि हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत में लाया गया। वह 2019 से ही कोट लखपत जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच कैद है। सईद संयुक्त राष्ट्र की ओर से नामित आतंकवादी है जिस पर अमेरिका ने 10 मिलियन अमेरिकी डालर का इनाम रखा है।
हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को जुलाई 2019 को टेरर फंडिंग के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा एलईटी यानी लश्कर-ए-तैयबा के लिए अग्रणी आतंकी संगठन है। जमात-उद-दावा ही साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है। इस आतंकी हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे।