आखिर क्यों PM मोदी लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव चाहते हैं?

PM नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु में बदलाव के संकेत दिये हैं। PM मोदी के संकेत के बाद इसको लेकर चर्चा भी शुरू हो गयी है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल हो सकती है। चलिए जानते हैं की PM नरेंद्र मोदी ऐसा क्यों करना चाहते हैं.

दरअसल सरकार लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव कर मातृ मृत्युदर में कमी लाना चाहती है। मोदी सरकार ऐसा इसलिए भी कर सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोट ने विवाह के लिए न्यूनतम आयु में फैसला करने का काम सरकार पर छोड़ दिया था। लड़कियों की शादी की उपयुक्त उम्र क्या होनी चाहिए, इस बारे में सरकार विचार कर रही है और इस सिलसिले में एक समिति भी गठित की गई है। इसका मकसद एक ही है मातृ मृत्युदर में कमी लाना।

यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार भारत में अब भी बाल विवाह जारी है। आंकड़ों के अनुसार 27% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले और 7% लड़कियों की शादी 15 साल से पहले हो जाती है।

लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए PM मोदी ने महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की। उन्होंने कहा, बेटियों में कुपोषण खत्‍म हो, उनकी शादी की सही आयु क्‍या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।

देश में अभी लड़कियों की शादी की कम से कम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है जबकि लड़कों की उम्र सीमा 21 वर्ष है। सशस्त्र बलों में महिला शक्ति की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में महिलाएं जमीन के भीतर कोयले की खदान में काम कर रही हैं तो देश की बेटियां लड़ाकू विमान भी उड़ा कर आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं।

उन्होंने कहा, भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्‍होंने देश का नाम रोशन किया है, देश को मजबूती दी है। महिलाओं को रोजगार और स्‍व-रोजगार के समान अवसर देने के लिए आज देश प्रतिबद्ध है। PM ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में शामिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, गर्भवती महिलाओं को वेतन के साथ छह महीने की छुट्टी देने के फैसले की बात हो या तीन तलाक के कारण पीड़ित महिलाओं को आजादी दिलाने का काम हो या फिर उनके आर्थिक सशक्तिकरण की बात हो….. 40 करोड़ जो जन-धन खाते खोले गए हैं, उसमें 22 करोड़ खाते हमारी बहनों के हैं।

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