बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से ठीक पहले JDU ने वरिष्ठ नेता श्याम रजक को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही राजभवन ने श्याम रजक को मंत्री पद से हटाने की बिहार सरकार की अनुशंसा को स्वीकृत कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, श्याम रजक पर पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लग रहा था।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के हवाले से चली खबरों के मुताबिक, श्याम रजक दल पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी काम में संलिप्त थे। इसी के मद्देनजर उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए दल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि श्याम रजक RJD में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे।
हालांकि दोनों तरफ के लोगों की मानें तो श्याम से नीतीश जहां हाल के दिनों में दलित समुदाय के मुद्दों पर लगातार बैठक और मीडिया में उसे प्रचारित करने से बहुत खुश नहीं थे। वहीं दूसरी और पार्टी में नंबर 2 आरसीपी सिंह ने पार्टी में उन्हें दरकिनार करने का कोई मौका नहीं छोड़ा था। खासकर जिस फुलवारी शरीफ सीट का प्रतिनिधित्व श्याम 1995 से कर रहे हैं वहां अरुण मांझी को उन्होंने चुनाव की तैयारी करने की हरी झंडी दे दी थी। यह श्याम रजक को नागवार गुजर रहा था।
नीतीश कुमार ने श्याम रजक की RJD से बढ़ती नज़दीकी के बीच वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव को उनसे बात करने का ज़िम्मा दिया था लेकिन श्याम रजक के रविवार के रवैए से नीतीश कुमार को लगा कि कार्रवाई करने में ही भलाई है। हालांकि चिराग के हर दिन सरकार विरोधी बयान और अब श्याम जैसे लोगों के राजद के पाले में जाने के बाद नीतीश कुमार के पास भी जीतन राम मांझी को पार्टी में वापस लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। माना जा रहा है कि वे जल्द ही इस सम्बंध में घोषणा करेंगे।