Nagrota Encounter: मसूद अजहर का भाई दे रहा था आतंकियों को आदेश, सेना के हाथ लगी चैट हिस्ट्री

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) हाईवे पर नगरोटा टोल प्लाजा (Nagrota Toll Plaza) के पास मारे गए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकी लगातार पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे अपने हैंडलर के संपर्क में थे। इस बात का खुलासा आतंकियों से बरामद डिजिटल मोबाइल रेडियो सेट से हुआ है। पाकिस्तान में बने इस डिजिटल मोबाइल रेडियो से जांच एजेंसियो को आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच चैट के संदेश भी मिले हैं, जिसमे हैंडलर आतंकियों से पूछ रहा है, पहुंच गए? कोई परेशानी तो नहीं आई? ये सारे संदेश रात 2 बजे के आसपास रिकॉर्ड हुए है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों को ये संदेश पाकिस्तानी हैंडलर और मसूद अजहर के भाई रऊफ अजहर दे रहा था। खुफिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि रऊफ अजहर इस वक्त पाकिस्तान में ही है। पिछले एक हफ्ते से जम्मू के कठुआ जिले के सामने पाकिस्तान के शक्करगढ़ पोस्ट इलाके में उसे देखा गया है। सेना के हाथ लगी चैट हिस्ट्री से ये पता चलता है कि आतंकियों को भारत भेजकर हमला कराने का पूरा प्लान रऊफ अजहर का ही था।

जम्मू के नगरोटा में बीती गुरुवार सुबह हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ठिकाने लगाकर पाकिस्तान की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दिया था। इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने AK सीरिज की 11 राइफलों समेत चीन में बने हुए 30 हैंड ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर से दागे जाने वाले 6 ग्रेनेड, 3 पिस्टल, 2 आईईडी रिमोट, 2 कटर, दवाई, कंबल, सूखे मेवे और अर्धनिर्मित विस्फोटक बरामद किए थे। सुरक्षाबलों के मुताबिक, यदि आतंकी कश्मीर में घुसने में कामयाब हो जाते तो वे मुंबई की तरह बड़े कत्लेआम को अंजाम दे सकते थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े चारों आतंकी जम्मू के सांबा बॉर्डर के जरिए भारत में घुस। वहां से उन्होंने कश्मीर जाने के लिए चावल से भरे ट्रक में शरण ली। वे चावल की बोरियों के बीच जगह बनाकर बैठ गए और आसानी से कई पोस्ट पार करते हुए गुरुवार सुबह 4.45 बजे नगरोटा टोल तक पहुंच गए।

नगरोटा बन टोल पर जम्मू-कश्मीर पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) चेकिंग कर रहा था। उस चेक पोस्ट की सहायता के लिए पास में ही CRPF और सेना की चेक पोस्ट भी बनी हुई थी। SOG ने जैसे ही चावल से ट्रक को जांच के लिए रोका, उसका ड्राइवर नीचे उतरकर भाग गया। उसके भागते ही पुलिस को उस पर शक हुआ। एक टीम उसके पीछे लपकी, जबकि बाकी टीम ने ट्रक को घेर लिया।

खुद को घिरा देख आतंकियों ने ट्रक से बाहर निकलने के लिए हैंड ग्रेनेड फेंका। ग्रेनेड अटैक होते ही पास की पोस्ट पर तैनात CRPF और सेना के जवान भी मौके पर पहुंच गए और ट्रक को चारों ओर से घेर लिया। इसके साथ जम्मू-कश्मीर हाईवे को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। तब तक दोनों पक्षों में फायरिंग शुरू हो चुकी थी। इस गोलीबारी में SOG के 4 जवान घायल हो गए, जिन्हें जम्मू के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

करीब ढाई घंटे तक दोनों ओर से चली फायरिंग में आतंकियों ने ट्रक से बाहर निकलने की खूब कोशिश की। लेकिन सुरक्षाबलों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर चारों आतंकियों को मार गिराया। हैवी फायरिंग की वजह से ट्रक में आग लग गई। आग लगने के बाद भी जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो पानी डालकर फायर को बुझाया गया। उसके बाद चावल की बोरी हटाकर तलाशी ली गई तो वहां पर चार आतंकियों के शव बरामद हुए। आग और फायरिंग की वजह से चारों के शव बुरी तरह जल चुके थे।

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