दुनियाभर में 8 जून को ‘World Ocean Day’ मनाया जाता है। महासागर पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी अहम भूमिका निभाते है। इसका मुख्य मकसद लोगों को समुद्र में बढ़ रहे प्रदूषण और उससे होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करना है। पृथ्वी पर महासागरों के बगैर जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल ही लगता है, क्योंकि समंदर को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद उपयोगी माना जाता है हर साल विश्व महासागर दिवस को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है। इस बार World Ocean Day 2020 का विषय है ‘एक सतत महासागर के लिए नवाचार’ है।
विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य
इसका उद्देश्य लोगों को उनके जीवन में महासागरों के महत्व के बारे में बताना है। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे -खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है। हर साल ‘World Ocean Day’ पर पूरे विश्व में महासागर से जुड़े विषयों में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं, जो महासागर के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के प्रति जागरूकता पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
महासागर दिवस का महत्व
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की करीब 30 फीसदी आबादी तटीय इलाकों में रहती है। इस आबादी का जीवन महासागरों पर निर्भर है। एक अनुमान के अनुसार, करीब 10 लाख जीवों की प्रजातियां समंदर में रहती हैं। इसके अलावा मौसम में आने वाले बदलाव और जलवायु परिवर्तन की जानकारी प्रदान करने में भी महासागरों का अहम भूमिका होतीहै, इसलिए समुद्र का संरक्षण करना सभी की जिम्मेदारी है।
कब हुई शुरूआत
पहला World Ocean Day 08 जून 2009 को मनाया गया था। इसके बाद साल 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने का एलान किया गया। साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संबंध में आधिकारिक मान्यता दिए जाने के बाद मनाया जाने लगा।