हिन्दी पंचांग के अनुसार, महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत Karwa Chauth हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ती है। मोटे तौर पर देखा जाए तो Karwa Chauth का व्रत दिवाली से 10 या 11 दिन पहले आता है। इस दिन महिलाएं अपने जीवनसाथी के दीर्घ और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 04 नवंबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं एवं युवतियां चंद्रमा को देखकर अपने जीवनसाथी के हाथों जल ग्रहण करके व्रत को पूरा करती हैं। तो आइए जानते हैं कि इस वर्ष Karwa Chauth की पूजा का मुहूर्त क्या है और इस दिन चंद्रमा के उदय होने का समय क्या है।
पूजा का समय
करवा चौथ का व्रत 04 नवंबर को रखा जाएगा।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 04 नवंबर को तड़के 03 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है।
करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त 1 घंटा 18 मिनट के लिए शाम में बन रहा है।
04 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त है।
चतुर्थी तिथि का समापन 05 नवंबर दिन गुरुवार को प्रात:काल 05 बजकर 14 मिनट पर होगा।
व्रत का समय
व्रत के लिए कुल 13 घंटे 37 मिनट का समय है।
सुबह 06 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 12 मिनट तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा का बहुत ही महत्व है। व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही जीवनसाथी के हाथ से जल ग्रहण करती हैं। Karwa Chauth के व्रत को पूर्ण करने के लिए चंद्रमा का देखना आवश्यक माना जाता है। 04 नवंबर को चंद्रमा के उदय होने का समय शाम को 08 बजकर 12 मिनट पर है। चंद्रमा के उदय होने के साथ ही व्रत रखने वाले चंद्रमा को जल अर्पित कर व्रत को पूरा करते हैं।