बिहार का रण: लालू राज में ‘बाबू साहब’ के सामने गरीब चलता था सीना तान के- तेजस्वी

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। इसी बीच महागठबंधन से CM पद के दावेदार Tejashwi Yadav के एक बयान पर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। तेजस्वी ने इशारों-इशारों में जातिवाद का कार्ड खेल दिया है। एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने कहा कि जब Lalu Yadav का राज था तो गरीब सीना तान के बाबू साहब के सामने चलते थे।

उनका इशारा राजपूतों की तरफ था, हालांकि उन्होंने किसी जाति का नाम नहीं लिया। उन्होंने आगे ये भी कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम सब लोगों को साथ लेकर चलेंगे। जो अपराध करेगा उसे सजा मिलेगी, जो कर्मचारी काम करेंगे उन्हें सम्मान मिलेगा। तेजस्वी के इस बयान पर JDU प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि Tejashwi पर जात-पात की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा तेजस्वी ध्रुवीकरण करना चाहते हैं।

वहीं नाथनगर में नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav लगातार बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ताबड़तोड़ रैलियां व सभा कर रहे है। सोमवार को नाथनगर के सीटीएस चर्च मैदान पहुंचकर उन्होंने महागठबंधन के भागलपुर विधानसभा के उम्मीदवार अजित शर्मा के पक्ष में वोट देने की अपील जनता से की। उन्होंने जनता का ज्यादा समय नही लेते हुए कहा कि सोमवार के दिन उनकी कुल 12 सभा है। इसलिए हिसाब किताब न कर वे सीधे जनता से सिर्फ एक मौका मांगने आये है। अगर मौका मिला तो सबसे पहली कैबिनेट की बैठक में युवाओं के लिए दस लाख सरकारी नौकरी देंगे। इतना ही नही परीक्षा भर्ती फॉर्म, व ट्रेन बसों के किराए तक विद्यार्थियों को नही लगने देंगे।

मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका पहला कलम युवाओं के भविष्य के लिए ही चलेगा। झूठा वादा न किया है व न ही करेंगे। अजित शर्मा को उन्हीने आगामी चुनाव में अग्रिम जीत की बधाई दी व जनता से पूछकर जीत का माला उन्हें पहनाया। फिर सीधे दौड़कर मंच से उतरे व सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हेलीकॉप्टर तक गए। Corona को देखते हुए माल्यार्पण व सेल्फी लेने से लोगों को मना किया।

लालू जी के राज में भी शिलान्यास व उद्घाटन होते थे

तेजस्वी ने बताया कि Lalu Yadav व राबड़ी देवी के समय मे भी सड़कों व पुलों का शिलान्यास होता था। 2001 में विक्रमशिला सेतु पुल का शिलान्यास राबड़ी देवी के हाथों हुआ था। 19 साल हो गए पुल अबतक स्वस्थ व मजबूत है। लेकिन Nitish बाबू के राज में तो पुल का शिलान्यास होते ही पुल ध्वस्त हो जा रहा है। भ्रष्टाचार, घोटाला किनके राजकाल में हो रहा है ये तो जनता के सामने है। सृजन जैसे कई बड़े घोटाले Nitish राज में हुए। अफसरसाही, घूसखोरी के बिना कोई काम नही होता।

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