दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी आए दिन विवादों और सुर्खियों में बना रहता है। इस बार जेएनयू में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने JNU प्रशासन पर शिक्षकों और छात्रों से भेदभाव करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं SC/ST शिक्षकों और छात्रों ने केंद्रिय मंत्री रामविलास पासवान से इस मामले पर संज्ञान लेने और मामले को केंद्र सरकार की सामने उठाने की बात कही है। वहीं इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बयान जारी कर इस प्रकार के किसी भी आरोप से इनकार कर इसे बेबुनियाद बताया है।
मामला सामने आने के बाद केंद्रिय मंत्री रामविलास पासवान ने SC/ST संकाय सदस्यों से मुलाकात की, और कहा कि SC/ST संकाय सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने जो भी आरोप यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लगाए हैं वो गंभीर हैं और उन पर गौर किया जाना चाहिए। इसके साथ ही रामविलास पासवान ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मामले पर चर्चा की और कहा कि ‘सीट में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है और शुल्क में बढ़ोतरी भी वापस ले ली गई है।’ इतना ही नहीं पासवान ने आगे कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के हितों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।