इस साल के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में सियासी पारा चढ़ने लगा है। इसी कड़ी में महागठबंधन के एकजुट होने के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दावों पर सवाल खड़ा होने लगा है। दरअसल, महागठबंधन में शामिल प्रमुख घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी के नये पैतरों से राजद की परेशानी बढ़ती दिख रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
बिहार के पूर्व डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने आज कहा कि RJD टिकट बांटते समय हर वर्ग का ख्याल रखेगी। दरअसल, मंगलवार को बिहार के पूर्व मंत्री और JDU नेता जावेद इकबाल अंसारी ने RJD की सदस्यता ग्रहण की है। उनके अलावा पूर्व JDU नेता शगुन सिंह और बिहार के पूर्व DG अशोक कुमार गुप्ता ने भी RJD का दामन थामा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में इन लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलायी। सदस्यता ग्रहण करने वाले अन्य नेताओं में विमल कुमार मंडल और विजय कुमार यादव भी शामिल हैं। इस दौरान RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि आने वाले चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल सभी जाति और धर्म के लोगों का टिकट देगी। टिकट बंटवारे में सभी वर्गों का ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही दौर रहा तो जदयू धीरे-धीरे खत्म हाे जायेगा। तेजस्वी यादव ने साथ ही कहा कि अगर लालू प्रसाद का राज होता तो गरीबों को गला लगाने का काम करते, लेकिन इस सरकार ने उन पर समुचित ध्यान नहीं दिया है।
इससे पहले सोमवार को हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने RJD को अल्टीमेटम देते हुए कह चुके है कि 25 जून तक RJD को-ऑर्डिनेशन कमेटी पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। संवाददाता सम्मेलन में दौरान पूर्व CM जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने को लेकर महागठबंधन के सभी दल तैयार हैं। लेकिन, RJD की ओर से पहल नहीं की जा रही है। 22 जून तक कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से बात की जायेगी। इसके बाद बात बने या नहीं बने 25 जून के बाद हम अपने स्तर पर फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी RJD के नेता हो सकते हैं, लेकिन महागठबंधन के नहीं।
वहीं, BJP प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि पूर्व CM जीतनराम मांझी महागठबंधन में सबसे बड़े कद के नेता हैं। इस लिहाज से उनको महागठबंधन का नेता होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने वरिष्ठ नेता को तेजस्वी यादव के पीछे खड़ा होना पड़ता है। जीतनराम मांझी का महगठबंधन में जो हाल है, उससे पूरी सहानुभूति होती है।