जापान के विदेश मंत्री Toshimitsu Motegi ने बुधवार को कहा कि वह भारत के साथ विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए भारत के विदेश मंत्री S Jaishankar के साथ काम करना जारी रखेंगे। India-Japan के बीच विदेश मंत्री स्तर की 13वीं बैठक में मोतेगी और Jaishankar के बीच राजनीति और सुरक्षा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था और आर्थिक सहयोग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जापान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत 1 घंटे से अधिक देर तक चली…
विदेश मंत्री Toshimitsu Motegi ने अगस्त के अंत में नोट्स के आदान-प्रदान का उल्लेख किया। इसके तहत जापान भारत को 50 अबर येन का आपातकालीन सहायता कर्ज और चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए एक अरब येन अनुदान सहायता की सहायता दे रहा है। मोतेगी ने उम्मीद जताई कि यह सहायता Corona प्रतिक्रिया सहित भारत की स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रणालियों को विकसित करने में मददगार साबित होगी। दोनों मंत्रियों ने आसियान और दक्षिण पश्चिम एशियाई देशों में India-Japan सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
जापान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मसले पर विचार साझा किए। भारत ने भी इंडो-पैसिफिक महासागर में द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मंत्रियों ने उत्तर कोरिया के मसले पर भी विचार साझा किए। मोतेगी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के चुनाव पर बधाई दी। मंत्रियों ने कहा कि दोनों देश यूएनएससी में सुधारों को साकार करने की दिशा में एक दूसरे का सहयोग करना जारी रखेंगे।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और जापान ने 5-जी तकनीक, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और कई अन्य अहम क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया है। दोनों देशों के बीच विदेश मंत्रियों की हुई बातचीत में डिजिटल तकनीक की बढ़ती भूमिका को मान्यता देते हुए दोनों मंत्रियों ने मजबूत साइबर प्रणाली की जरूरत का जिक्र किया। सनद रहे कि भारत समेत कई देशों ने अपने यहां चीनी टेलिकम्युनिकेशंस कंपनी हुवावे की तरफ से 5जी सेवाएं शुरू करने के प्रति अनिच्छा जाहिर की है।