सरकार ने तीनों सेना के जवानों के लिए एक नियम बनाया है. जिसमें जो जवान किराए से रहते हैं वो रैंक के आधार पर मॉडिफाईड अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम (Modified Assured Career Progression Scheme – MACPS) के तहत मकान का भत्ता ले सकते हैं। दरअसल छठे पे कमिशन में कुछ गड़बड़ी की वजह से सैनिकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। सैनिकों को जनवरी 2006 से जून 2017 तक यानी 11 सालों तक क्वॉर्टर के बदले कंपनसेशन (Claim in Lieu of Quarter – CILQ) नहीं मिल पाया था। अब यह लाभ लेने के लिए सैनिक जून 2006 से जून 2017 तक के बीच का कंपनसेशन क्लेम कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इस पर आदेश जारी कर दिया है। यह व्यवस्था साल 2006 से लागू मानी जाएगी। ऐसे में एक अनुमान के आधार पर कहा गया है कि सेना के जवानों को करीब 1,000 करोड़ रुपये का फायदा होने की उम्मीद है।
बता दें कि साल 2006 से जब छठा पे कमिशन लागू हुआ उसमें कुछ गड़बड़ियों के चलते इंडियन आर्मी के सैनिकों को क्वॉर्टर के बदले कंपनसेशन (CILQ) नहीं मिल पा रहा था। क्योंकि सैलरी के आधार पर मिलने वाले कुछ ही अलाउंस का जिक्र सरकारी पत्र में किया गया। इसमें CILQ का जिक्र नहीं था जो सैलरी के अपग्रेड होने के साथ ही अपग्रेड होता है यानी सैलरी से जुड़ा हुआ था। हालांकि इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी के सैनिकों को यह मिलता रहा। लेकिन इंडियन आर्मी को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।