अगर जरूरत पड़ी तो मैं जाऊंगा कश्मीर- CJI रंजन गोगोई

जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे कश्मीर दौरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा ‘अगर लोग हाई कोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं तो मामला काफी गंभीर है। मैं खुद श्रीनगर जाऊंगा।’ उन्होंने ये बात दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील द्वारा कश्मीर के लोगों के उच्च न्यायालय में पहुंचने में हो रही दिक्कत को लेकर लगाए गए आरोप पर कही। सीजेआइ ने वकील को चेतावनी दी है कि यदि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट में आरोप सही नहीं पाए गए तो सुप्रीम कोर्ट उन पर जवाबदेही तय करेगा।

आजाद को मिली अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग और बारामुला जाने की अनुमति दे दी है। इससे कि वह अपने क्षेत्र के लोगों का हालचाल ले सकें। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आजाद इस दौरान कोई भाषण नहीं देंगे और न ही कोई सार्वजनिक रैली करेंगे। जैसा कि उन्होंने कहा था।

सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार: आजाद

इसके बाद उन्होंने कहा ‘मैं जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश करूंगा। मुझे खुशी है कि सीजेआइ ने चिंता नहीं जताई है और उन्होंने कहा है कि वे जम्मू-कश्मीर का दौरा करना चाहते हैं और चीजें कैसे आगे बढ़ रही हैं उसके बारे में जानना चाहते है।’

राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर समान्य जीवन हो बहाल

इससे पहले केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कश्मीर में जल्द से जल्द सामान्य जीवन बहाल हो। साथ ही उसने इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखने को कहा है। बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते में कश्मीर की पूरी तस्वीर सामने रखने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत और जम्मू-कश्मीर सरकार को मामले में एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 30 सितंबर को करने के लिए कहा है।

कश्मीर के सभी समाचार पत्र चल रहे हैं

पीठ को केंद्र सरकार ने बताया कि कहा सभी कश्मीर के सभी समाचार पत्र चल रहे हैं और सरकार सभी प्रकार की सहायता दे रही है। इसने यह भी कहा कि राज्य में एफएम नेटवर्क के साथ दूरदर्शन और अन्य निजी जैसे टीवी चैनल काम कर रहे हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा। केंद्र सरकार ने इस दौरान बताया कि एक भी गोली नहीं चली है। कश्मीर के 88 प्रतिशत पुलिस थानों में प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। कुछ स्थानीय जगहों पर बैन लगे हुए हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कश्मीर में अगर तथाकथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट निपट सकता है।

पीएसए एक्ट के तहत हिरासत में फारुक अब्दुल्ला

कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की कथित हिरासत को लेकर दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है। राज्यसभा सांसद वाइको ने इसे लेकर याचिका दायर की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे लेकर अगली सुनवाई में जवाब देने को कहा है। अब्दुल्ला पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए हैं। इस एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने वाले शख्स को 2 साल तक बिना किसी सुनवाई के हिरासत में लिया जा सकता है।

8 याचिकाओं पर सुनवाई

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने को चुनौती देने समेत इससे जुड़ी करीब 8 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इन याचिकाओं में अनुच्छेद 370 खत्म करने, क्षेत्र में राष्ट्रपति शासन की वैधता और वहां लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और पीडीपी के सज्जाद लोन समेत कई लोगों ने ये याचिकाएं दायर की हैं।

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