नई दिल्ली- देश में कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल-कॉलेज बंद है। जिसकी वजह से पढ़ाई का नुकसान हो रहा था। जिसके बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लिया था। मंत्रालय ने स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी थी। जिसको लेकर अभिभावकों ने स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं की नियमितताओं पर चिंता जताई थी। अभिभावकों का कहना था कि बच्चे ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे है। लेकिन इस दौरान वह स्क्रीन पर ज्यादा समय लगा रहे है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षण के लिए एक शिफ्ट ही जरूरी है। जिसके बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए है।
मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक प्री-प्राइमरी स्टूडेंस के लिए ऑनलाइन क्लास का समय 30 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कक्षा 1 से 8 के लिए दो ऑनलाइन सेशन होंगे। यह सेशन 45 मिनट की कक्षाएं होंगी, जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए 30-45 मिनट की अवधि के चार सेशन होंगे। एचआरडी मंत्रालय इस गाइडलाइन में ऑनलाइन क्लासेज के दौरान फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों का ध्यान रखने पर जोर दिया गया है।
नई गाइडलाइन जारी करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सीखने के तरीके को फिर से तैयार करना और फिर से तैयार करना होगा, बल्कि घर पर स्कूली शिक्षा के एक स्वस्थ मिश्रण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की एक उपयुक्त विधि भी पेश करनी होगी।
उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देश उन छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाए गए हैं। जो घर पर हैं। ये दिशा-निर्देश उन बच्चों के लिए हैं। जो घर पर लॉकडाउन के कारण रह रहे हैं। उन्हें ऑनलाइन, मिश्रित, डिजिटल शिक्षा के जरिये सिखाने की कोशिश की जा रही है। डिजिटल शिक्षा पर तैयार ये दिशा-निर्देश ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप भी हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते देशभर के विश्वविद्यालयों से लेकर स्कूल तक 16 मार्च से बंद है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद से करीब चार महीनों से स्कूल ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं।