होलिका दहन (Holika Dahan) फाल्गुन पूर्णिमा को शाम के समय करते हैं। इस साल होलिका दहन (Holika Dahan) 07 मार्च को है। उसके अगले दिन 08 मार्च को होली का त्योहार है। होलिका दहन (Holika Dahan) जहां एक ओर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, वहीं भक्त प्रह्लाद पर उसके पिता हिरण्यकश्यप और उसकी बुआ होलिका के द्वारा की गई प्रताड़नाओं की याद भी दिलाता है। होलिका भक्त प्रह्लाद को जलाकर मारना चाहती थी, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर मर गई। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं होलिका दहन (Holika Dahan) की पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
होलिका दहन की पूजा सामग्री
होलिका दहन (Holika Dahan) के लिए वसंत पंचमी के दिन से ही सूखी लकड़ियां, उप्पलें, सूखी घास आदि एकत्र किए जाते हैं। इनके आलावा होलिका दहन (Holika Dahan) की पूजा के लिए गुलाल, रंग, फूल, माला, हल्दी, अक्षत्, रोली, एक लोटा या कलश में पानी, बताशा, नारियल, जौ, मूंग, गेहूं की बालियां, गुड़, धूप, कपूर, मिठाई आदि।
होलिका दहन की विधि
- होलिका दहन के दिन पीले, गुलाबी या लाल रंग के कपड़े पहनें। इस दिन सफेद या काले रंग के कपड़े नहीं पहनते हैं।
- सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल मुहूर्त में अपने नगर के चौक या र्पाक में एकत्र हों, जहां पर होलिका दहन होती है। साथ में होलिका पूजा की सामग्री भी ले लें।
- शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। उसके बाद ओम होलिकायै नम: मंत्र का जाप करते हुए होलिका की पूजा करें।
- उसके बाद ओम प्रह्लादाय नम: और ओम नृसिंहाय नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए प्रह्लाद और भगवान नरसिंह की विधि विधान से पूजा-अर्चना कर लें।
- अब आप होलिका की परिक्रमा कम से कम सात बार करते हुए उसमें कच्चा सूत लपेट दें। पूजा सामग्री अर्पित कर दें. उसके बाद कपूर या दीपक से आग जलाकर होलिका दहन (Holika Dahan) करें। इस दौरान सिर को किसी कपड़े से ढककर रखें. जौ, अनाज आदि आग में अर्पित कर दें।
- गेहूं की बालियां आग में सेंककर खाने से सेहत अच्छी रहती है। ऐसी लोक मान्यता है।
होलिका दहन मुहूर्त 2023
07 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) का मुहूर्त शाम में 06 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।