Holashtak 2022: मार्च माह का प्रारंभ हो चुका है। इस माह में होली (Holi) का त्योहार आने वाला है। उससे पहले होलाष्टक (Holashtak) शुरु होगा। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक (Holashtak) शुरु होता है। होलाष्टक (Holashtak) से होलिका दहन (Holika Dahan) की तैयारियां शुरु हो जाती हैं। होलिका दहन (Holika Dahan) के अगले दिन सुबह होली मनाते हैं। होली से पूर्व 8 दिन में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है क्योंकि यह होलाष्टक (Holashtak) के दिन होते हैं, जो मांगलिक या शुभ कार्यों के लिए अशुभ माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक (Holashtak) यानी होली से पूर्व 8 दिनों में सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है, जो शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस समय में कोई शुभ कार्य करने से उसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा। ग्रहों की उग्रता से उसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते होलाष्टक (Holashtak) कब से शुरु हो रहा है और उसका समापन कब होगा।
होलाष्टक 2022 शुरुआत और अंत
होलाष्टक (Holashtak) फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होगा और फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन (Holika Dahan)के साथ खत्म हो जाएगा। इस आधार पर इस साल होलाष्टक (Holashtak) 10 मार्च को लग रहा है क्योंकि इस दिन ही फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि तड़के 02:56 बजे लग रही है। फाल्गुन पूर्णिमा इस साल 17 मार्च को है। ऐसे में होलाष्टक (Holashtak) का अंत 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan)के साथ हो जाएगा।
होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ कार्य
पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से ही हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रह्लाद को तरह-तरह की यातनाएं देनी शुरु कर दी थी। होलिक दहन तक भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई षडयंत्र रचे गए। लेकिन प्रभु श्रीहरि विष्णु की कृपा से प्रह्लाद का कुछ भी बुरा नहीं हुआ।
फाल्गुन पूर्णिमा को हिरण्यकश्यप की बहन होलिका स्वयं जलकर मर गई, लेकिन प्रह्लाद जीवित बच गए। अष्टमी से पूर्णिमा तक भक्त प्रह्लाद पर कई तरह के अत्याचार हुए थे। इस वजह से इन 8 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इन 8 दिनों को अशुभ माना जाता है।