भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus in India) के केस बढ़कर अब 10 लाख से भी ज्यादा हो चुके हैं और संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी 25 हज़ार से ज्यादा हो गयी है। द लैंसेट (Lancet Global Health) की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत का 98% हिस्सा कोरोना वायरस (Covid-19) की चपेट में है। अमेरिका के बाद भारत में ही संक्रमण सबसे तेजी से बढ़ रहा है और देश के 640 ज़िलों में से 627 ज़िले कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक़, ‘भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को संभालने के लिए ज़िला-स्तर पर योजनाएं बनाने और उन्हें लागू किये जाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही जो इलाक़े सबसे अधिक प्रभावित हैं उन पर विशेष तौर से ध्यान दिए जाने और रणनीति बनाकर काम करने की ज़रुरत है। रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि सबसे ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में फिर से लॉकडाउन लागू करने की ज़रूरत है। इस रिपोर्ट में भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर देश के सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाक़ों की पहचान की गई है। ये रिपोर्ट संक्रमण के मामले, आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा हालात को आधार बनाकर तैयार की गई है।
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना (Corona) के नए मरीज हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कोरोना के नए मरीजों की संख्या जहां 35 हजार के करीब पहुंच गई, वहीं कुल कोरोना मरीजों (Corona patients) की संख्या ने 10 लाख के आंकड़े को पार कर लिया। कोरोना के तेजी से चढ़ते ग्राफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में पहले 1 लाख कोरोना केस को सामने आने में 109 दिन का समय लगा था जबकि अब 1 लाख केस सिर्फ 3 दिन में ही सामने आने लगे हैं।
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो पहला एक लाख केस आने में 109 दिन का समय लगा था। देश में 18 मई को पहला एक लाख केस सामने आया था. इसके बाद दूसरा एक लाख केस आने में 15 दिन का समय लगा था। देश में 2 जून को दो लाख केस हो चुके थे। इसके बाद 10 दिन के अंतर पर ही 12 जून को 3 लाख केस हो चुके थे। चार लाख केस आने में अगले 8 दिन का ही समय लगा. 20 जून को देश में कोरोना के 4 लाख केस हो चुके थे।