वन नेशन-वन राशन कार्ड से लेकर मनरेगा तक, आर्थिक पैकेज के तहत हुए ये 15 बड़े एलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज के तहत दूसरी किस्त का ब्यौरा दिया। आज उन्होंने प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों पर फोकस रखा। इनके लिए कई तरह की घोषणाएं की गईं। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा गरीबों के लिए हुई जिनके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना लागू करने की बात कही गई। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान क्या क्या बड़े एलान हुए जानिए। 

वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना अगस्त 2020 तक लागू होगी। इससे देश के किसी भी हिस्से में डिपो से राशन ले सकते हैं। मार्च 2021 तक शत प्रतिशत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी कर ली जाएगा। मजदूर अपने हक का राशन देश के किसी भी डिपो से ले सकता है। 

3 माह लोन मोरेटोरियम सुविधा के साथ तीन करोड़ किसानों ने कुल 4.22 लाख करोड़ रुपये के कृषि लोन के लिए आवेदन किया। किसानों को ब्याज पर सहायता दी गई है। साथ ही 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड को मंजूरी दी गई है। किसानों को तीन महीने तक ब्याज में छूट का लाभ मिलेगा। 25 लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं और किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना भी लागू है। 

अगले दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा। बिना कार्ड वाले प्रवासी मजदूर को 5 किलो अनाज और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा। इस मद में 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को लाभ होगा। इसे लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। 23 राज्यों के 63 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा। 

प्रवासी मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम किराये के मकान की योजना शुरू होगी। इसके तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम कीमत पर रहने के लिए मकान मिल सके। इसे पीपीपी मोड के जरिए लागू किया जाएगा। 

50 लाख रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वालों (स्ट्रीट वेंडर), घर में काम करने वालों को 5000 हजार करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। इन्हें 2 से 10 हजार रुपये तक कर्ज की सुविधा मिलेगी। एक महीने के भीतर इस योजना को शुरू किया जाएगा। डिजिटल पेमेंट करने पर और कर्ज दिया जाएगा।    
 
मध्यम आय वर्ग जिनकी कमाई सालाना 6 से 18 लाख रुपये तक है, उन्हें क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी का लाभ मिलेगा। ये मई 2017 से लागू हुई थी और मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था। अब इसे मार्च 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। इससे 3.3 लाख परिवारों को लाभ होगा। मध्यवर्ग मकान खरीद सकेगा और इससे रोजगार भी पैदा होगा। निर्माण का सामान जैसे सीमेंट, स्टील, ट्रांसपोर्ट की मांग बढ़ेगी। 

मनरेगा के तहत 13 मई तक रोजाना 14.62 करोड़ रोजगार सृजित किए गए। औसत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये किया गया। न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म करेंगे। ये पूरे देश में एक जैसा हो, ये कोशिश करेंगे। वेतन देने के तरीके को सरलीकृत किया जाएगा।    
सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने की कोशिश, अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया गया। श्रमिकों का कल्याण सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर। 2.33 करोड़ कामगारों को 1.87 लाख पंचायतों में काम दिया गया। 

जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों का हेल्थ चेकअप होगा, ESIC का भी लाभ इन सभी मजदूरों की दिया जाएगा। इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। रात में महिलाएं ड्यूटी करती हैं, उसके लिए भी सेफगार्ड्स लाए जाएंगे। 

मुद्रा शिशु लोन में 1.62 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। लोन चुकाने में 1500 करोड़ रुपये तक की छूट मिलेगी। मोदी सरकार 2 फीसदी खर्च वहन करेगी। 

6000 करोड़ का फंड का उपयोग कर रोजगार का सृजन होगा। आदिवासी और जनजाति इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

नाबार्ड के जरिए तीन करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को अतिरिक्त 30 हजार करोड़ की सहायता दी जाएगी। रबी की फसल के लिए किसानों को मदद दी जाएगी। कोऑपरेटिव और ग्रामीण बैंकों के जरिए किसानों को दिया जाएगा। 

2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए मदद दी जाएगी। इस योजना में मछुआरे और पशुपालकों को भी शामिल किया जाएगा। इन्हें दो लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी। 

नाबार्ड ने कोऑपरेटिव व ग्रामीण बैंकों को 29500 करोड़ रुपये दिए गए। 86000 करोड़ के 63 लाख कर्ज को 28 मार्च से एक मई तक मंजूरी मिली। कृषि उत्पाद खरीदने के लिए 6300 करोड़ रुपये मंजूर 

28 मार्च से आश्रय स्थलों में तीन वक्त का भोजन उपलब्ध कराया गया। दो महीने में 72 हजार स्वयं सहायता समूह बनकर तैयार। 12 हजार स्वयं सहायता समूह ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाया। 

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