सरकारी कर्मचारी करेंगे ‘वर्क फ्रॉम होम’, जानिए क्‍या हैं नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निकट भविष्य में अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़ सकता है और ऐसा भी संभव है कि कर्मचारियों की उपस्थिति भी कम रहे, इसे देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने Lockdown खत्म होने के बाद कर्मचारियों के लिए ‘घर से काम’ यानी कि Work From Home करने के संबंध में एक मसौदे की रूपरेखा तैयार की है।


इसमें कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) अधिकारियों/कर्मचारियों को नीतिगत रूप से एक साल में 15 दिन के लिए घर से काम करने का विकल्प मुहैया करा सकता है। अभी केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मचारी हैं।


केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजी विज्ञप्ति में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि COVID-19 वैश्विक महामारी ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कई मंत्रालयों के लिए घर से काम करना अनिवार्य कर दिया है।

इसमें कहा गया है, “भारत सरकार के कई मंत्रालय/विभागों ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र की वीडियो कांफ्रेंसिंग और ई-कार्यालय सुविधाओं का लाभ उठाकर Lockdown के दौरान वैश्विक महामारी के खिलाफ निपटने में अनुकरणीय नतीजे दिए और सफलतापूर्वक कामकाज किया। यह भारत सरकार में अपनी तरह का पहला अनुभव था।”

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि निकट भविष्य में केंद्रीय सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति कम रहे और कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए उन्हें अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़े।

मंत्रालय ने कहा, “इसलिए Lockdown खत्म होने के बाद और घर पर बैठकर ही सरकारी फाइलों और सूचनाओं को हासिल करते हुए सूचना की सुरक्षा सुनिश्चित कर घर से काम करने के लिए एक व्यापक खाका महत्वपूर्ण है।”

इसी अनुरूप सरकार के कामकाज के सुचारू संचालन के लिए कर्मचारियों के वास्ते नयी मानक संचालन प्रक्रियाएं तय की गई हैं।

मंत्रालय/विभाग कर्मचारियों को लैपटॉप/डेस्कटॉप के रूप में साजो-सामान संबंधी सहयोग मुहैया कराएंगे।

उन्हें घर से काम करते हुए इंटरनेट सेवाओं के लिए भुगतान भी किया जा सकता है। अगर जरूरत पड़ी तो इस संबंध में अलग से दिशा-निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं।

दिशा-निर्देशों के मसौदे में सभी VIP और संसद संबंधी मामलों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल का प्रस्ताव दिया गया है।

इसमें कहा गया है, “अत: ऐसी सभी प्राप्तियों के लिए एसएमएस के जरिए अलर्ट भेजे जाएंगे।”

मसौदे में कहा गया है कि जो मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मॉड्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं वे “समयबद्ध तरीके से” अपने सचिवालय और अधीनस्थ कार्यालयों में इसका शीघ्र क्रियान्वयन करेंगे।

अभी करीब 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मंच का सक्रियता से इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें से 57 ने अपने काम का 80 फीसदी से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है।

हालांकि, घर से काम करते हुए “गोपनीय दस्तावेजों/फाइलों” को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

इसमें कहा यगा है, “गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार ई-कार्यालय के जरिए किसी गोपनीय सूचना पर काम नहीं किया जाएगा। इसलिए घर से काम करने के दौरान ई-कार्यालय में गोपनीय फाइलों पर काम नहीं किया जाएगा।”

एनआईसी गृह मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर गोपनीय फाइल/सूचना को हासिल करने के मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का आकलन कर सकती है और इसके लिए उपयुक्त दिशा-निर्देश एवं मानक संचालन प्रक्रियाओं का प्रस्ताव दे सकती है। कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि जिन अधिकारियों को आधिकारिक लैपटॉप मुहैया कराए गए वे यह सुनिश्चित करें कि इन पर केवल आधिकारिक काम ही किया जाए।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अंतर मंत्रालयी चर्चा, मंत्रालयों के बीच फाइलों के आदान-प्रदान ई-कार्यालय पर सुचारू रूप से हो सकता है।

इसमें कहा गया है, “घर से काम करते हुए एनआईसी की वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा का महत्वपूर्ण बैठकों के लिए लाभ उठाना चाहिए। अधिकारी और कर्मचारी एनआईसी द्वारा उन्हें भेजे वीसी लिंक को एक्टिवेट कर बैठकों में भाग ले सकते हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कार्यालयों में भी जितना संभव हो सके वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करना चाहिए।”

एनआईसी को वीडियो कांफ्रेंसिंग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए इसे मजबूत करने के लिए कहा गया है।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है, “घर से काम कर रहे अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकों में भाग लेते हुए कार्यालय का माहौल बनाए रखने के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।”

इसमें कहा गया है, “केंद्र सरकार के सभी विभागों को 21 मई तक अपनी टिप्पणियां भेजने के लिए कहा गया है, ऐसा न होने पर यह मान लिया जाएगा कि मंत्रालय/विभाग प्रस्तावित मसौदे से सहमत हैं।”

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