उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में प्राइमरी स्कूलों, कन्या पाठशालाओं अथवा पंचायत भवनों जैसे सार्वजनिक स्थलों में बनाए गए क्वारंटीन सेण्टर में पीने के पानी के लिये जो हैण्ड पाईप या मोटर लगी हैं। वे काम नहीं कर रही हैं, और शौचालय भी नाकाफी है जिनका रख रखाव ऐसा नहीं है, कि उनका इस्तेमाल हो सके। अन्यथा क्वारंटीन सेण्टर की असुविधाओं का हवाला देकर लोग वहां से अन्य अथवा अपने रिश्तेदारों के घर के लिये प्रस्थान कर रहे हैं। इससे कोविड-19 के संक्रमण का खतरा है।
कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से क्वारंटीन में रहने वाले प्रति व्यक्ति की निर्धारित धनराशि को 40 से बढ़ाकर 3 से 4 सौ करने की मांग की है। जिससे लोगों में क्वारंटीन सेण्टर में रहने के लिये आकर्षण पैदा हो सके। कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता ने इस संबन्ध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया है।
आराधना मिश्रा मोना ने पत्र में कहा है, कि ग्रामीण क्षेत्रों से यह सूचनायें मिल रही है, कि वहां के क्वारंटीन सेण्टर सेण्टरों में अब आने वालों की संख्या बढ़ जाने से कई समस्यायें उठ रही हैं। ज्यादातर स्थलों पर पीने के पानी के लिये जो हैण्ड पाईप या मोटर लगी हैं। वे काम नहीं कर रही हैं, और शौचालय भी नाकाफी है। जिनका रख रखाव ऐसा नहीं है कि उनका इस्तेमाल हो सके।
उन्होंने कहा कि कई जगहों से यह सूचनायें प्राप्त हो रही है, कि क्वारंटीन सेण्टरों में खान- पान का जो प्रबन्ध शुरूआत में था। वह अब निरन्तर खराब होता जा रहा है। बताया जा रहा है, कि सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति जो 40 रूपए निर्धारित किया गया है। उसमें दो वक्त का खाना और सुबह- शाम का नाश्ता शामिल है, और दैनिक प्रयोग की चीजें संभव नहीं हो पा रही है। जिस पैमाने पर प्रवासी मजदूर तथा लॉकडाउन में फंसे लोग गांव पहुंच रहे हैं। उससे समस्यायें और बढ़ गयी हैं।