Lockdown के बीच सरकार व RBI की तरफ से राहतों का सिलसिला जारी है। Corona संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर देश की जनता के लिए बड़ा ऐलान किया है। Lockdown के दौरान लगातार दूसरी बार RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। शुक्रवार को RBI गर्वनर शक्तिकांत दास रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की है। इसके साथ ही अब रेपो रेट 4.4 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत हो गयी है। इससे पहले 27 मार्च को RBI ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की थी।
RBI गर्वनर ने ईएमआई के भुगतान पर 3 महीने की अतिरिक्त छूट का भी ऐलान किया है। जिसका मतलब है कि यदि कोई ग्राहक अपने बैंक लोन की EMI तीन महीने तक नहीं जमा करता है तो बैंक उस पर कोई दबाव नहीं डालेंगे। इससे पहले RBI ने EMI भुगतान पर मार्च से मई तक राहत दी थी। जिसे बढ़ाकर अब अगस्त तक कर दिया गया है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गवर्नर ने कहा, Corona महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि एमपीसी (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती को मंजूरी दी है। इससे लोगों पर लोन की EMI चुकाने का बोझ कम होगा। गवर्नर ने बताया कि रिवर्स रेपो रेट को 3.75 फीसद से घटाकर 3.35 फीसद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर अभी भी 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है। लेकिन लॉकडाउन के वजह से कई सामानों की कीमत बढ़ सकती है।
बता दें कि RBI दूसरे बैंको को दिए हुए कर्ज पर ब्याज लगाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंकों को रिजर्व बैंक से लोन पर कम ब्याज देना होगा। जिससे बैंक अधिक कर्ज लेने के लिए प्रेरित होंगे। रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों को रिजर्व बैंक से कम दर पर लोन मिलेगा। जब बैंकों को लोन पर कम कीमत खर्च करनी होगी तो इसका लाभ ग्राहकों को मिलेगा। यानी कि कार लोन, होम लोन और पर्सनल लोन पर जनता को कम ब्याज चुकाना होगा।