दुनियाभर में कोरोना वायरस से एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मौत की संख्या भी 5 लाख को पार कर गई है। पूरी दुनिया ने कोरोना के आगे घुटने टेक दिए हैं। बीतते समय के साथ लगातार बढ़ता संक्रमण चिंता का सबब बना हुआ है। हालांकि राहत की बात ये है कि इसके इलाज के लिए अब कुछ दवाएं उपलब्ध है, जिनकी बदौलत पहले के मुकाबले रिकवरी दर भी बढ़ी है। ये वायरस चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैला यानी इसकी शुरुआत चीन के वुहान से ही मानी जाती है। लेकिन अब एक नई स्टडी में ये दावा किया गया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान से नहीं फैला बल्की इसके शुरूआती मामले सामने आने के नौ महीने पहले स्पेन में कहीं पाया गया था। शोधकर्ताओं के इस दावे ने लोगों को चौंका दिया है।
आपको बता दें स्पेन के बार्सिलोना यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में ये दावा किया है। बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में नहीं, बल्कि स्पेन में पाया गया था। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में कहा है कि स्पेन के सीवेज के पानी में मार्च 2019 में ही कोरोना वायरस की मौजूदगी पाई गई थी। स्पेन के सीवेज वाटर में वायरस मिलने के नौ महीने बाद दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में कोरोना वायरस की मौजूदगी पाई गई थी। वैज्ञानिकों का ये दावा कोरोना वायरस की उत्पत्ति स्थल को लेकर एक बहस की शुरुआत कर सकता है।
आपको बता दें स्पेन के वैज्ञानिको ने कोरना वायरस को लेकर किए गए शोध के आधार पर कहा कि बर्सिलोना में 12 मार्च 2019 को कोरोना संक्रमण मिला था। इस शोध अध्ययन में जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 के बीच स्पेन के अलग-अलग शहरों से जमे हुए बेकार जल के नमूने का परीक्षण किया गया और उनका विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं को एक नमूने को छोड़कर बाकी में कोरोना वायरस की मौजूदगी नहीं मिली।
हालांकि स्पेन में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला आधिकारिक रूप में फरवरी 2020 में सामने आया था। वहीं, स्टडी में वैज्ञानिकों का कहना है कि गंदे पानी के जिस एक नमूने में निम्न स्तर पर कोरोना वायरस का जीन मिला, वह नमूना 12 मार्च 2019 को बर्सिलोना शहर से लिया गया था।