लद्दाख के गलवान घाटी में जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रही है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दोनों देश के सैनिकों की तैनाती है। जहां एक और भारत चीन सीमा विवाद को कम करने के लिए अब दोनों देशों के बीच बातचीत से विवाद को सुलझाने पर सहमति बनी है। जहां अब हर हफ्ते दोनों देशों के वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन की बीच बात होगी। वहीं दूसरी ओर चीन की नजर पैंगोंग झील के कुछ क्षेत्रों पर भी है। यहां पर भी चीन तेजी से सैन्य तैनाती बढ़ाकर कब्जे की कोशिश में जुटा है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों ने झील के फिंगर चार से आठ तक चीनी सेना के जमावड़े की पोल खोल दी है। चीन का दोगला चेहरा सब के सामने आ गया है। पैंगोंग झील के आसपास भारी तादाद में वाहन, तंबू, नौकाएं और स्थायी बंकर दिखाई दे रहे हैं। जिससे ये साफ हो गया है कि एक ओर चीन बातचीत का राग अलाप रहा है, वहीं दूसरी ओर जबरन घुसपैठ करने की कोशिश जारी है।
बता दें सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि इस बार चीन की पैंगोंग झील के आसपास सेना की भारी तैनाती गलवान से कहीं ज्यादा है। वो भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए फिंगर 4 की चोटी को कब्जा करने के लिए सबसे ज्यादा जोर लगा रहा है। इलाके में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर भारतीय सैन्य अधिकारियों का कहना है कि वो पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए भारत ने भी फिंगर 4 समेत अन्य इलाकों में पर्याप्त तैनाती बढ़ा दी है।
बता दें पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए बीते हफ्ते कई घंटों तक डब्ल्यूएमसीसी की बैठक हुई थी और मसलों को सुलझाने के लिए कदम उठाए गए थे। बीते हफ्ते हुई दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौरान गलवन घाटी में बीते 15 जून को हुई सैनिकों की हिंसक झड़प के मसले पर भी चर्चा हुई थी।