पटना कोरोना से बेहाल है. ना सिर्फ इस शहर में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर है बल्कि पूरे राज्य का सभी गंभीर कोरोना मरीजों को इलाज के लिए भी यहीं लाया जाता है. पटना सहित पूरे बिहार में दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है. इस अंतिम सप्ताह में अप्रैल के पहले सप्ताह के मुकाबले 10 गुना संक्रमित मिले हैं. संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी 12 से 15 गुना हो गया है.
पटना स्थित एम्स, पीएमसीएच और एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया है. शुक्रवार के आंकड़े के मुताबिक, इन्हीं तीन अस्पतालों में 25 कोरोना मरीजों की मौत हुई है. पटना एम्स में शुक्रवार को फुलवारीशरीफ नगर पर्षद के पूर्व चेयरमैन रानीपुर निवासी चितरंजन पासवान उर्फ चेतन पासवान समेत चार मरीजों की मौत कोरोना से हो गयी.
एनएमसीएच यानी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है. कोरोना से फिर से 11 मरीजों की जान ले ली है. इनमें गुरुवार की रात छह और शुक्रवार को पांच ने दम तोड़ दिया.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बात करें तो पहले सप्ताह में रोजाना दो से तीन मरीज दम तोड़ रहे थे, जबकि तीसरे व अंतिम सप्ताह में रोजाना सात से 10 मरीजों की मौत हो रही है. कोरोना की वजह से पीएमसीएच में छह महीने के मासूम कृषव सिंह नाम के बच्चे की मौत हो गयी.
इसी कड़ी में पीएमसीएच में शुक्रवार को 10 मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, पीएमसीएच में नौ मरीजों ने कोरोना को मात दी, जो स्वस्थ होकर अपने घर लौटे. इसके अलावा 95 मरीज ऑक्सीजन पर भर्ती हैं.