अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक प्रत्याशियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज होता चला जा रहा है। सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी Donald Trump ने तो पेंसिलवेनिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यहां तक कह दिया कि यदि बिडेन जीते तो यह China की जीत होगी। वे इस देश की विचारधारा को बदल कर समाजवाद ले आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘यदि मैं जीता तो यह जीत पूरे अमेरिका की होगी।’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उग्र विरोधियों को सत्ता में आने से रोकें। TRUMP ने सोमवार की 3 रैलियां कीं। सभी में बिडेन के कथित भ्रष्टाचार, पर्यावरण और China प्रमुख मुद्दा रहे। उन्होंने कहा कि अमेरिका यह नहीं भूल सकता कि China ने उनके व सहयोगी देशों के साथ किस तरह का व्यवहार किया है। अगला साल अमेरिका की अर्थव्यवस्था के मामले में याद रखा जाएगा। इस चुनाव में आपको तय करना है कि आप विधि का शासन चाहते हैं या भ्रष्ट राजनीतिक लोगों का।
उधर, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति प्रत्याशी जो बिडेन ने कहा कि वह Corona महामारी को देखते हुए ज्यादा रैली नहीं कर रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि इस महामारी को फैलाने में ‘सुपर स्प्रेडर’ साबित हों। इसीलिए उन्होंने अपनी यात्राएं भी कम कीं। एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि वह अति आत्मविश्वास में नहीं हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि अंतिम वोट भी हमें ही मिले। इसीलिए सावधानी के साथ हमारा प्रचार अभियान चल रहा है।
बिडेन ने अपनी सहयोगी और उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी कमला हैरिस की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वे सिद्धांतों पर चलने वाली चतुर महिला हैं। अपने इरादों के लिए अडिग हैं।
तीन नंवबर को मतदान के बाद रात में Donald Trump वाशिंगटन स्थित ट्रंप इंटरनेशनल होटल में पार्टी कर सकते हैं। मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार, ये देखना होगा कि TRUMP उस रोज महामारी को लेकर बनाई गई गाइडलाइन का कितना पालन कर पाएंगे। वाशिंगटन में महामारी के कारण पार्टी के लिए अधिकतम पचास की संख्या निर्धारित की गई है। स्थानीय मेयर मुरियल वाउजर कहती हैं कि वह चुनाव वाले दिन की पार्टी के लिए सजग और होटल के संपर्क में हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर होटल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
अमेरिकी चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक भी सक्रिय हैं। ऐसे ही हिंदू महिलाओं के एक समूह ने TRUMP के समर्थन में वर्चुअल सेशन किया। इसमें कई राज्यों की महिलाओं ने भाग लिया। इन महिलाओं का मानना है कि ट्रंप मध्यमार्गी हैं। उनकी नीतियों ने महामारी में भी आर्थिक नुकसान होने से बचाए रखा है। लेकिन वामपंथी मीडिया उनकी छवि को खराब करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑकलैंड में दंगों के लिए डेमोक्रेटिक जिम्मेदार थे, जो युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे हैं। चर्चा में शामिल कुछ महिलाओं ने भारत में CAA और कश्मीर मसले पर डेमोक्रेट्स के भारत विरोधी विचारों की भी तीखी आलोचना की। कुछ महिलाओं का कहना था कि TRUMP की नीतियां छोटे व्यापारियों के लिए फायदेमंद हैं।
बोस्टन की पुलिस ने रविवार को चुनाव पूर्व मतदान के एक बूथ पर बैलेट बॉक्स में आग लगाते हुए 39 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। यह मतदान केंद्र बोस्टन की पब्लिक लाइब्रेरी के सामने बना हुआ था। पुलिस के अनुसार यह जानबूझकर की गई शरारत है। आग में 35 मतपत्र नष्ट हो गए।
अमेरिकी युवा उत्साहित, रिकॉर्ड मतदान की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार युवा मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि 20 सालों के चुनावी इतिहास में इस बार युवा मतदाताओं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स ने देश के 18 से 29 साल के वोटरों के बीच देशव्यापी सर्वे किया है। इसके मुताबिक, इस बार युवा वोटरों में ऐतिहासिक उत्साह देखने को मिल रहा है। कई चुनावों के बाद युवा वोटरों का ऐसा रुझान देखा गया है। आगामी चुनाव में यही रुझान युवाओं के अधिकतम मतदान की स्थिति में सामने आएगा। सर्वे में 63 फीसदी युवा वोटरों ने कहा कि वे हर हाल में मतदान करेंगे। 2016 के चुनाव में इस तरह के सर्वे में यह आंकड़ा 47 फीसद ही था। 1984 से अब तक के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो 18 से 29 साल के वोटरों की 2008 के चुनाव में सबसे ज्यादा 48.4 % वोटिंग थी। उसी तरह की स्थितियां इस बार के चुनाव में भी बन रही हैं।
बिडेन हैं पहली पसंद
सर्वे में पूछ गए सवालों के आधार पर बताया गया है कि युवा वोटरों की पसंद के मामले में जो बिडेन आगे चल रहे हैं। सर्वे में बिडेन अपने प्रतिद्वंद्वी 24 अंक आगे हैं। अप्रैल माह से अब तक बिडेन को पसंद करने वालों में 13 अंकों की वृद्धि हुई है।
चुनाव में कौन से मुद्दे प्रभावी हैं, इस बारे में भी सवाल किए गए। युवा वोटरों का मानना है कि इस बार स्वास्थ्य सेवा, मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही नस्ली भेदभाव, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे प्रभावी हैं। चुनाव पूर्व मतदान और मेल से भेजे जाने वाले मतपत्रों में रुचि इस बार के चुनाव में महत्वपूर्ण बदलाव है। सर्वे टीम का मानना है कि युवाओं में मतदान के प्रति बढ़ता रुझान भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।