कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित करने के बाद शुक्रवार केंद्र ने 8 राज्यों को खत लिखकर अहम निर्देश दिए हैं. केंद्र ने आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु को चिट्ठी लिख कर निर्देश दिए हैं. केंद्र ने इन राज्यों को कहा कि जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें. इसमें भीड़ और लोगों का आपस में मिलने-जुलने पर रोक, बड़े स्तर पर टेस्टिंग, तत्काल ट्रेसिंग और साथ ही प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन कवरेज शामिल हैं.
केंद्र ने कहा कि टेस्ट में पॉजिटिव लोगों के पर्याप्त नमूने इंसाकोग की नामित प्रयोगशालाओं को तत्काल भेजे जाएं. राज्यवार डेल्टा प्लस वैरिएंट की मौजूदगी कुछ इस प्रकार है…
तमिलनाडु (मदुरई,कांचीपुरम और चेन्नई), राजस्थान (बीकानेर), कर्नाटक (मैसुरू), पंजाब (पटियाला, लुधियाना), जम्मू- कश्मीर (कटरा), हरियाणा (फरीदाबाद), गुजरात (सूरत), आंध्रप्रदेश (तिरुपति).
डेल्टा प्लस वेरिएंट कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट या बी.1.617.2 का म्यूटेशन है. इसने के417एन स्पाइक म्यूटेशन पर आधिपत्य करके डेल्टा प्लस वेरिएंट बनाया है. भारत के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वेरिएंट में दो चिंताजनक बातें देखी गई हैं. पहला कि इसके संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है. दूसरी चिंताजनक बात ये है कि ये मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इलाज का प्रतिरोध भी कर सकता है. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का ट्रायल भारत में हाल ही में हुआ है. कोरोना के माइल्ड और मॉडरेट मरीजों के इलाज में इसे इस्तेमाल किया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस वेरिएंट को ज्यादा संक्रामक पाया है और इसे लेकर वो एक एडवाइजरी भी जारी करने की सोच रहा है. लेकिन इन सबके बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी हमें वही सावधानियां बरतनी होंगी जिन्हें पहले फॉलो किया गया है. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने जैसे नियम अब भी प्रभावी रहेंगे.